कबीर की रचनाएँ
गुरु-महिमा गुरु सो ज्ञान जु लीजिये, सीस दीजये दान। बहुतक भोंदू बहि गये, सखि जीव अभिमान॥१॥ व्याख्या: अपने सिर की भेंट देकर गुरु से ज्ञान… Read More »कबीर की रचनाएँ
गुरु-महिमा गुरु सो ज्ञान जु लीजिये, सीस दीजये दान। बहुतक भोंदू बहि गये, सखि जीव अभिमान॥१॥ व्याख्या: अपने सिर की भेंट देकर गुरु से ज्ञान… Read More »कबीर की रचनाएँ
कुछ तअल्लुक भी नहीं रस्म-ए-जहाँ से आगे कुछ तअल्लुक भी नहीं रस्म-ए-जहाँ से आगे उस से रिश्ता भी रहा वहम ओ गुमाँ से आगे ले… Read More »कबीर अजमल की रचनाएँ
आज वो भी आये आज वो भी आये । जिनकी बाट जोहते-जोहते, दरवाजा बूढ़ा हो गया था, जिसकी एक मुस्कुराहट को पाने के लिए, भँवरों… Read More »कपिल भारद्वाज की रचनाएँ
चिड़िया रानी, किधर चली चिड़िया रानी चिड़िया रानी, किधर चली। मुन्ने राजा मुन्ने राजा, कुंज-गली। चिड़िया रानी, चिड़िया रानी, पर निकले। मुन्ने राजा मुन्ने राजा,… Read More »कन्हैयालाल मत्त की रचनाएँ
बांची तो थी मैंने बाँची तो थी मैंने खण्डहरों में लिखी हुई इबारत लेकिन मुमकिन कहाँ था उतना उस वक्त ज्यो का त्यो याद रख… Read More »कन्हैयालाल नंदन की रचनाएँ
वंदे मातरम् बोलियो सब मिल महाशय मंत्र वंदे मातरम्, तीनों भुवन में गूंज जाए शब्द वंदे मातरम्। बन जाए सुखदाई हमारा मंत्र वंदे मातरम्, हो… Read More »कन्हैयालाल दीक्षित ‘इंद्र’ की रचनाएँ
सारी बस्ती में ये जादू सारी बस्ती में ये जादू नज़र आए मुझको जो दरीचा भी खुले तू नज़र आए मुझको॥ सदियों का रस जगा… Read More »क़तील शिफ़ाई की रचनाएँ
एवंकार बीअ लहइ कुसुमिअउ अरविंदए एवंकार बीअ लहइ कुसुमिअउ अरविंदए। महुअर रुएँ सुरत्प्रवीर जिंघइ म अरंदए॥ जिमि लोण बिलज्जइ पणिएहि तिमि घरणी लइ चित्त। समरस… Read More »कण्हपा की रचनाएँ
पिंजड़े का द्वार खोल देना शायद ऐसा हो कि तुम्हारे हृदय में धधकी हो कोई ज्वाला भस्म करने की वर्जनाएँ कि तभी कोई बदली मर्यादा… Read More »कंवल भारती की रचनाएँ
ग़म का इज़हार भी करने नहीं देती दुनिया ग़म का इज़हार भी करने नहीं देती दुनिया और मरता हूँ तो मरने नहीं देती दुनिया सब… Read More »कँवल डबावी की रचनाएँ