शिवबहादुर सिंह भदौरिया की रचनाएँ
एक गाँठ और सरपत सी मूछों और मशकनुमा छाती पर आँख गड़ गई; उलझे हुए धागे में एक गाँठ और पड़ गई। परिवेश: एक जलता… Read More »शिवबहादुर सिंह भदौरिया की रचनाएँ
एक गाँठ और सरपत सी मूछों और मशकनुमा छाती पर आँख गड़ गई; उलझे हुए धागे में एक गाँठ और पड़ गई। परिवेश: एक जलता… Read More »शिवबहादुर सिंह भदौरिया की रचनाएँ
पुरवा जो डोल गई पुरवा जो डोल गई, घटा घटा आँगन में जूड़े-से खोल गई। बूँदों का लहरा दीवारों को चूम गया, मेरा मन सावन… Read More »शिवबहादुर सिंह भदौरिया की रचनाएँ
डर आदमी से आदमी का डर। बड़ा उपकार है परस्पर डर का हमारी ज़िन्दगी पर वर्ना अणु विस्फोटों की होड़ से मानव को बचाता कौन… Read More »शिवनारायण जौहरी ‘विमल’ की रचनाएँ
वाणी-वन्दना प्यासे प्राणों की धरती पर तू तरस-बरस हे स्नेहमयी, हे किरणमयी, अनुरागमयी! स्वर जगा कुहा की इस पथराई बेला में, हे स्वर्णमयी, हे दयामयी!… Read More »शिवदेव शर्मा ‘पथिक’ की रचनाएँ
वो जो रह-रहके चोट कर जाए वो जो रह-रहके चोट कर जाए, अपने अलफ़ाज़ से मुकर जाए, आशिक़ी,इश्क एक फजीहत है, जिसको रोना हो वो… Read More »उर्मिला माधव की रचनाएँ
आज़ादी इक खुशबू का नाम है, आज़ादी प्रकाश उछल उछल भुज पाश में भर ले तू आकाश पवन आज़ाद डोलती, मन की खिड़की खोल जनगण… Read More »उर्मिल सत्यभूषण की रचनाएँ
फिर क्या जो फूट फूट के ख़ल्वत में रोइए फिर क्या जो फूट फूट के ख़ल्वत में रोइए यकसर जहान ही को न जब तक… Read More »उर्फी आफ़ाक़ी की रचनाएँ
यास ओ उम्मीद यास मोरिद-ए-ज़ुल्म हूँ आमाज-गह-ए-तीर हूँ मैं तख़्ता-ए-मश्क़-ए-सितम क़ैदी-ए-ज़ंजीर हूँ मैं सैंकड़ों दुश्मन-ए-सफ़्फ़ाक लगे हैं पीछे कितने ही नावक-ए-बेदाद का नख़चीर हूँ मैं… Read More »उरूज क़ादरी की रचनाएँ
चुनिंदा शेर (1) खुश वह दिन कि हुस्ने यार से जब अक्ल खीराः थी यह सब महरूमियां हैं आज हम जितना समझते हैं (2) यहाँ… Read More »उम्मीद अमेठवी की रचनाएँ
इल्म ओ फ़न के राज़-ए-सर-बस्ता को वा करता हुआ इल्म ओ फ़न के राज़-ए-सर-बस्ता को वा करता हुआ वो मुझे जब भी मिला है तर्जुमा… Read More »उमैर मंज़र की रचनाएँ