अनिमेष मुखर्जी की रचनाएँ
दोहे भौंचक्की सी जूलिएट, कैसे देखे ख़्वाब। दिखा आज जब रोमियो, लिए हुए तेज़ाब॥ चाल अजब है प्रेम की, खो कर ही मिल पाय। छाप… Read More »अनिमेष मुखर्जी की रचनाएँ
दोहे भौंचक्की सी जूलिएट, कैसे देखे ख़्वाब। दिखा आज जब रोमियो, लिए हुए तेज़ाब॥ चाल अजब है प्रेम की, खो कर ही मिल पाय। छाप… Read More »अनिमेष मुखर्जी की रचनाएँ
मन्नत का धागा प्रेम का धागा लपेट दिया है मैनें तुम्हारे चारों ओर.… तुम्हारा नाम पढ़ते हुए… तुमसे ही छुपा कर! और बाँध दी अपनी… Read More »अनिता ललित की रचनाएँ
उड़ान उसे कितना भी बाँधो घर-बार के खूँटे से भांड- बर्तन, कपड़े- लत्ते प्यार- स्नेह के बन्धन से या फिर अपनी उदीप्त अभिशप्त आलिंगन में,… Read More »अनिता भारती की रचनाएँ
नींद टूटने तक भाग्य छलता है आकांक्षाएँ छलती है आदमी की नींद उजाले को छलती है उजाला आदमी की नींद को नींद टूटने तक अभ्यास… Read More »अनिता अग्रवाल की रचनाएँ
अयाचित मेरे भंडार मेंएक बोरा ‘अगला जनम’‘पिछला जनम’ सात कार्टनरख गई थी मेरी माँ। चूहे बहुत चटोरे थेघुनों को पता ही नहीं थाकुनबा सीमित रखने… Read More »अनामिका की रचनाएँ
अनकही वह कहता था वह सुनती थी जारी था एक खेल कहने सुनने का खेल में थी दो पर्चियाँ एक में लिखा था ‘कहो’ एक… Read More »शरद कोकास की रचनाएँ
कंतक थैया कंतक थैया घुनूँ मनइयाँ! चंदा भागा पइयाँ पइयाँ! यह चंदा चरवाहा है, नीले-नीले खेत में! बिल्कुल सैंत मैंत में, रत्नों भरे खेत में!… Read More »श्रीकृष्णचंद्र तिवारी ‘राष्ट्रबंधु’ की रचनाएँ
तम में कोई नरभक्षी है यह सूरज है, चित्र फलक तक ! पेड़ गए भीतर बंगलों में, सिर्फ प्रदूषण है क़त्लों में ! यह है आग कि… Read More »श्रीकृष्ण शर्मा की रचनाएँ
पानी-1 जो पत्ते की नोक से सरककर कंकड़ में छेद करता है खो जाता है रेत में रेत के गर्भ में पड़ा वह प्रतीक्षा करता… Read More »श्रीप्रकाश मिश्र की रचनाएँ
अब मुझ से ये रात तय न होगी अब मुझ से ये रात तय न होगी पत्थर ये जबीं न है न होगी ख़ुर्शीद न… Read More »शम्सुर्रहमान फ़ारूक़ी की रचनाएँ