अनन्त आलोक की रचनाएँ
हाइकु आया सावन नदी नाले जवान केंचुए उगे अब आदमी का इक नया अब आदमी का इक नया प्रकार हो गया, आदमी का आदमी शिकार… Read More »अनन्त आलोक की रचनाएँ
हाइकु आया सावन नदी नाले जवान केंचुए उगे अब आदमी का इक नया अब आदमी का इक नया प्रकार हो गया, आदमी का आदमी शिकार… Read More »अनन्त आलोक की रचनाएँ
बच्चा होना, कितना अच्छा बच्चों के संग बच्चा होना कितना अच्छा लगता है! कभी खेल में हँसना गाना ता-ता थैया नाच दिखाना, और कभी नाराज… Read More »अनंतप्रसाद रामभरोसे की रचनाएँ
कविता की मौत मस्तिष्क की विराट् शून्यता को चीरकर विचार जन्म पाते हैं। शब्दों की देहरी चढते-चढते संवादों से मुठभेड कर दम तोड जाते हैं।… Read More »अनंत भटनागर की रचनाएँ
टर्मिनस दो तेज रेलगाडियों की तरह हम एक-दूसरे के पास से गुजर गए, एक की लम्बाई से दूसरे की लम्बाई नप गई। छूट गए पटरी-से… Read More »अनंत कुमार पाषाण की रचनाएँ
दहेज सपने कहाँ खो गए मन में हजार सपने थे जिंदगी को एक नया मोड़ मिलेगा नई आशायें जागी मन कहता कभी ये कभी वह… Read More »हेमा पाण्डेय की रचनाएँ
दर्द आसानी से कब पहलू बदल कर निकला दर्द आसानी से कब पहलू बदल कर निकला आँख का तिनका बहुत आँख मसल कर निकला तेरे… Read More »हसीब सोज़ की रचनाएँ
आया हूँ संग ओ ख़िश्त के अम्बार देख कर आया हूँ संग ओ ख़िश्त के अम्बार देख करख़ौफ़ आ रहा है साया-ए-दीवार देख कर आँखें… Read More »‘अदीम’ हाशमी की रचनाएँ
आलम ही और था आलम ही और था जो शनासाइयों में था जो दीप था निगाह की परछाइयों में था वो बे-पनाह ख़ौफ़ जो तन्हाइयों… Read More »‘अदा’ ज़ाफ़री की रचनाएँ
. रसूल हमजातोव 1. कविता आग है इस आग में अंगारों के ऊपर मशाल की लौ है लौ से बढ़कर उसकी रोशनी बाहरी अन्धकार को… Read More »हरिराम मीणा की रचनाएँ
मानवता का दर्द लिखेंगे, माटी की बू-बास लिखेंगे मानवता का दर्द लिखेंगे, माटी की बू-बास लिखेंगे । हम अपने इस कालखण्ड का एक नया इतिहास… Read More »अदम गोंडवी की रचनाएँ