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आधुनिक काल

सज्जाद बाक़र रिज़वी की रचनाएँ

ग़ज़लें अपने जीने को क्या पूछो सुब्ह भी गोया रात रही  अपने जीने को क्या पूछो सुब्ह भी गोया रात रही तुम भी रूठे जग… Read More »सज्जाद बाक़र रिज़वी की रचनाएँ

‘सज्जन’ धर्मेन्द्र की रचनाएँ

ग़ज़लें महीनों तक तुम्हारे प्यार में इसको पकाया है महीनों तक तुम्हारे प्यार में इसको पकाया है। तभी जाके ग़ज़ल पर ये गुलाबी रंग आया… Read More »‘सज्जन’ धर्मेन्द्र की रचनाएँ

शिवदीन राम जोशी की रचनाएँ

कृष्ण सुदामा चरित्र  बन्दहुँ राम जो पूरण ब्रह्म है, वे ही त्रिलोकी के ईश कहावें। श्रीगुरु! राह कृपामय हो, हम पे नज़रें गुण को नित… Read More »शिवदीन राम जोशी की रचनाएँ

सजीव सारथी की रचनाएँ

मिलन हम मिलते रहे, रोज मिलते रहे, तुमने अपने चेहरे के दाग, पर्दों में छुपा रखे थे, मैंने भी सब जख्म अपने , बड़ी सफाई… Read More »सजीव सारथी की रचनाएँ

सच्चिदानंद प्रेमी की रचनाएँ

अपन साख अब कैसे बचतो?  अपन साख अब कैसे बचतो? गुरू सब दिन भर फिलिम देखतन- चेला बेच के घोड़ा सूते। चेलिन धरम सील मेटा… Read More »सच्चिदानंद प्रेमी की रचनाएँ

शिवदयाल की रचनाएँ

तिनका करने को जब कुछ नहीं तो कुतरते रहो उसे मुँह में ले कि भर जाए कुछ खालीपन । जब पंछी घोंसले में सहेज कर… Read More »शिवदयाल की रचनाएँ

सगीर मलाल की रचनाएँ

अलग हैं हम कि जुदा अपनी रह-गुज़र में हैं  अलग हैं हम कि जुदा अपनी रह-गुज़र में हैं वगरना लो तो सारे इसी सफ़र में… Read More »सगीर मलाल की रचनाएँ

सईददुद्दीन की रचनाएँ

अलग अलग इकाइयां सुब्ह से मैं उस घड़ी की टिक टिक सुन रहा हूँ जो दीवार से अचानक ग़ाएब हो गई है लेकिन हर घंटे… Read More »सईददुद्दीन की रचनाएँ

सईद राही की रचनाएँ

अपने ख़्वाबों को तेरी आँख में जलता देखूँ अपने ख़्वाबों को तेरी आँख में जलता देखूँ मेरी हसरत है तुझे नींद में चलता देखूँ मेरा… Read More »सईद राही की रचनाएँ

सईद अहमद की रचनाएँ

ग़ज़लें इक बर्ग-ए-ख़ुश्क से गुल-ए-ताज़ा तक आ गए इक बर्ग-ए-ख़ुश्क से गुल-ए-ताज़ा तक आ गए हम शहर-ए-दिल से जिस्म के सहरा तक आ गए उस… Read More »सईद अहमद की रचनाएँ