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आधुनिक काल

‘अमानत’ लखनवी की रचनाएँ

आग़ोश में जो जलवा-गर इक आग़ोश में जो जलवा-गर इक नाज़नीं हुआ अंगुश्तरी बना मेरा तन वो नगीं हुआ रौनक़-फ़ज़ा लहद पे जो वो मह-जबीं… Read More »‘अमानत’ लखनवी की रचनाएँ

अमरेन्द्र की रचनाएँ

जन्म खण्ड / गेना जों बसन्त मेँ गाछी के ठारी सेँ निकलै टूसाचतुरदशी के बाद सरँग मेँ विहँसै चान समूचाबितला शैशव पर जों आबै मारलेॅ… Read More »अमरेन्द्र की रचनाएँ

अमरनाथ साहिर की रचनाएँ

कुछ फुटकर शे’र होने को तो है अब भी वही हुस्न, वही इश्क़। जो हर्फ़े-ग़लत होके मिटा नक़्शे-वफ़ा था॥ पिन्हाँ नज़र से पर्द-ए-दिल में रहा… Read More »अमरनाथ साहिर की रचनाएँ

अमरनाथ श्रीवास्तव की रचनाएँ

मैं बहुत खुश हूँ अगर लौटने पर शेष हैया कुछ कि मेरे बाद कितनादेखना है इस गली मेंकौन किसको याद कितनाया खिलौने जो कि बचपन… Read More »अमरनाथ श्रीवास्तव की रचनाएँ

अमरजीत कौंके की रचनाएँ

पता नहीं  पता नहीं कितनी प्यास थी उसके भीतर कि मैं जिसे अपने समुद्रों पर बहुत गर्व था उसके सामने पानी का एक छोटा-सा क़तरा… Read More »अमरजीत कौंके की रचनाएँ

शहंशाह आलम की रचनाएँ

कुत्ते के बारे में शताब्दी का सबसे महत्त्वपूर्ण पहरेदार साबित हुआ है कुत्ता जातीय विकास का ज्ञान भी हम में कुत्ते की वजह से आया… Read More »शहंशाह आलम की रचनाएँ

छीतस्वामी की रचनाएँ

आगे गाय पाछें गाय इत गाय उत गाय आगे गाय पाछें गाय इत गाय उत गाय, गोविंद को गायन में बसबोइ भावे। गायन के संग… Read More »छीतस्वामी की रचनाएँ

छाया त्रिपाठी ओझा की रचनाएँ

वेदना वेदना तुम पास आकर इस हृदय का बल बनो अश्रु अंतस में हैं ठहरे दे रहे हैं घाव गहरे जिन्दगी के हर कदम पर… Read More »छाया त्रिपाठी ओझा की रचनाएँ

छवि निगम

. गुलाबो सिताबो फिर एक दिनकुछ यूँ बदली किस्मत कठपुतलियों की..गुलाबो ने सिताबो की आँखों में देखासिताबो ने कस कर गुलाबो का हाथ जकड़ाझटक फेंका… Read More »छवि निगम