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आधुनिक काल

हरिकृष्ण देवसरे की रचनाएँ

कविवर तोंदूराम कविवर तोंदूराम बुझक्कड़ कभी-कभी आ जाते हैं। खड़ी निरंतर रहती चोटी, आँखें धँसी मिचमिची छोटी, नाक चायदानी की टोटी, अंग-अंग की छटा निराली,… Read More »हरिकृष्ण देवसरे की रचनाएँ

हकीम अजमल ख़ाँ शैदा की रचनाएँ

चर्चा हमारा इश्क़ ने क्यूँ जा-ब-जा किया चर्चा हमारा इश्क़ ने क्यूँ जा-ब-जा किया दिल उस को दे दिया तो भला क्या बुरा क्या अब… Read More »हकीम अजमल ख़ाँ शैदा की रचनाएँ

हुमेरा ‘राहत’ की रचनाएँ

आँखों से किसी ख़्वाब को बाहर नहीं देखा  आँखों से किसी ख़्वाब को बाहर नहीं देखा फिर इश्क़ ने ऐसा कोई मंज़र नहीं देखा ये… Read More »हुमेरा ‘राहत’ की रचनाएँ

हरीसिंह पाल की रचनाएँ

धरती छोटी है  न थककर बैठ, यह धरती तुझसे छोटी है। कोई ऐसा नहीं थका दे, तेरे थके बिना सब कुछ है तेरे हाथों में,… Read More »हरीसिंह पाल की रचनाएँ

हरिओम राजोरिया की रचनाएँ

लाठी लाठियाँ बजाने पर भी कविता होनी चाहिए कहाँ-कहाँ बजी लाठी किस-किस पर बजी देश भर में बजी ग़रीब-ग़ुरबों पर बजती आई है ग़रीब -ग़ुरबों… Read More »हरिओम राजोरिया की रचनाएँ

‘अख्तर’ शीरानी की रचनाएँ

ऐ दिल वो आशिक़ी के ऐ दिल वो आशिक़ी के फ़साने किधर गए वो उम्र क्या हुई वो ज़माने किधर गए वीराँ हैं सहन-ओ-बाग़ बहारों… Read More »‘अख्तर’ शीरानी की रचनाएँ

हंसराज ‘रहबर’ की रचनाएँ

तबीयत में न जाने ख़ाम बढ़ाता है तमन्‍ना आदमी आहिस्‍ता आहिस्‍ता गुज़र जाती है सारी ज़िंदगी आहिस्‍ता आहिस्‍ता अज़ल से सिलसिला ऐसा है गुंचे फूल… Read More »हंसराज ‘रहबर’ की रचनाएँ

अख़्तर यूसुफ़ की रचनाएँ

शाम और मज़दूर-1 शाम और मज़दूर खेतों के सब्ज़ सन्नाटे से गुज़र रहे हैं बालियाँ खड़ी हैं शाएँ-शाएँ हलका-सा कहीं-कहीं पे होता है गाँव के… Read More »अख़्तर यूसुफ़ की रचनाएँ

अख्तर पयामी की रचनाएँ

आवारा  ख़ूब हँस लो मेरी आवारा-मिज़ाजी पर तुम मैं ने बरसों यूँ ही खाए हैं मोहब्बत के फ़रेब अब न एहसास-ए-तक़द्दुस न रिवायत की फ़िक्र… Read More »अख्तर पयामी की रचनाएँ

अख़्तर नाज़्मी की रचनाएँ

लिखा है… मुझको भी लिखना पड़ा है लिखा है….. मुझको भी लिखना पड़ा है जहाँ से हाशिया छोड़ा गया है अगर मानूस है तुम से… Read More »अख़्तर नाज़्मी की रचनाएँ