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आधुनिक काल

राम प्रसाद बिस्मिल की रचनाएँ

कुछ अश‍आर इलाही ख़ैर वो हरदम नई बेदाद करते हैँ हमेँ तोहमत लगाते हैँ जो हम फरियाद करते हैँ ये कह कहकर बसर की उम्र… Read More »राम प्रसाद बिस्मिल की रचनाएँ

राम नारायण मीणा “हलधर”

  उम्मीदों की एक नदी आँखों में रेगिस्तान हुई उम्मीदों की एक नदी आँखों में रेगिस्तान हुई चमकीली सड़कों से मिलकर पगडंडी सुनसान हुई मुस्कानों… Read More »राम नारायण मीणा “हलधर”

राम नाथ बेख़बर की रचनाएँ

जद्दोजहद में ज़िंदगी अपनी गुजार के जद्दोजहद में ज़िंदगी अपनी गुजार के हारा नहीं हूँ आज भी हर जंग हार के। कहने लगी है बाग़… Read More »राम नाथ बेख़बर की रचनाएँ

रामगोपाल ‘रुद्र’की रचनाएँ

रुद्र स्तवन हर हर मृडेश हे प्रलयंकर! मदघूर्ण-निशामणि नर-कपाल प्रज्वलित-नेत्र खप्पर-विशाल तुम पुलक-पुलक धृत-मुंडमाल उद्धत विराट ताण्डव-तत्पर। तुम शुभ्र-वदन उज्ज्वल-निकेत, गणपति-हिमाद्रि-तनुजा-समेत, पार्षद-परेश! बहु भूत-प्रेत ले,… Read More »रामगोपाल ‘रुद्र’की रचनाएँ

राम गोपाल भारतीय की रचनाएँ

किसी की आँख में आँसू सजाकर किसी की आँख में आँसू सजाकर बहुत पछताओगे यूँ मुस्कुराकर तुम उसके पाँव के छाले तो देखो कहीं वो… Read More »राम गोपाल भारतीय की रचनाएँ

रानी रघुवंशकुमारी की रचनाएँ

पद / 1 पग दाबे तो जीवन मुक्ति लही। विष्णुपदी सम पति-पदपंकज छुवत परमपद होवे सही॥ निरखि निरखि मुख अति सुख पावत प्रेम समुद के… Read More »रानी रघुवंशकुमारी की रचनाएँ

राणा प्रताप की रचनाएँ

सर्वहारा हज़ारों वर्षों से हम पत्थर काट रहे हैं महलों और गुम्बजों का निर्माण कर रहे हैं बिड़लाओं के भगवान गढ़ रहे हैं औज़ार हमारे… Read More »राणा प्रताप की रचनाएँ

राना सहरी की रचनाएँ

है इख़्तियार में तेरे तो ये मोजेज़ा कर दे है इख़्तियार में तेरे तो मोजेज़ा कर दे वो शख़्स मेरा नहीं है उसे मेरा कर… Read More »राना सहरी की रचनाएँ

राधेश्याम बन्धु की रचनाएँ

रूप बादल हुआ रूप बादल हुआ प्यार पागल हुआ क्यों नदी घाट की प्यास बुझती नहीं मेघ घिरते रहे कामना की तरह हम तरसते रहे… Read More »राधेश्याम बन्धु की रचनाएँ

राधेश्याम प्रगल्भ की रचनाएँ

बच्चे की चाह बच्चे की चाह सपने में चाहा नदी बनूँ बन गया नदी, कोई भी नाव डुबोई मैंने नहीं कभी। मैंने चाहा मैं बनूँ… Read More »राधेश्याम प्रगल्भ की रचनाएँ