Skip to content

रानी रघुवंशकुमारी

रानी रघुवंशकुमारी की रचनाएँ

पद / 1 पग दाबे तो जीवन मुक्ति लही। विष्णुपदी सम पति-पदपंकज छुवत परमपद होवे सही॥ निरखि निरखि मुख अति सुख पावत प्रेम समुद के… Read More »रानी रघुवंशकुमारी की रचनाएँ