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आधुनिक काल

राजेश चेतन की रचनाएँ

वनवासी राम मात-पिता की आज्ञा का तो केवल एक बहाना था मातृभूमि की रक्षा करने प्रभु को वन में जाना था पिता आपके राजा दशरथ… Read More »राजेश चेतन की रचनाएँ

राजेश चड्ढ़ा की रचनाएँ

तुम्हीं तलाशो तुम्हें तलाश-ए-सहर होगी ‎ तुम्हीं तलाशो तुम्हें तलाश-ए-सहर होगी, हमको मालूम है सहर किसे मयस्सर होगी। पाग़ल हो हाथ उठाए हो दुआ माँग… Read More »राजेश चड्ढ़ा की रचनाएँ

राजेश गोयलकी रचनाएँ

सरस्वती वन्दना  माँ सरस्वती मुझको वर दे, वीणा वादिनी मुझको वर दे। मन में मेरे ज्ञान ध्यान भर, मेरे मन को हर्षित कर दे॥ प्रेमचन्द… Read More »राजेश गोयलकी रचनाएँ

राजेन्द्र स्वर्णकार की रचनाएँ

मर गए उन पर तो जीना आ गया जामे – मय आँखों से पीना आ गया मर गए उन पर तो जीना आ गया हाथ… Read More »राजेन्द्र स्वर्णकार की रचनाएँ

राजेन्द्र सारथी की रचनाएँ

मेरे गर्भस्थ शिशु (एक गर्भवती महिला का अपने गर्भस्थ शिशु से एकालाप) मेरे गर्भस्थ शिशु! तुम जो भी हो, लड़का या लड़की मेरी बात ध्यान… Read More »राजेन्द्र सारथी की रचनाएँ

राजेन्द्र शर्मा की रचनाएँ

हँसी की भूल भुलैया सुख के साथ कोई स्वाभाविक रिश्ता नहीं है हँसी का दुखी लोग भी हँस लेते हैं अक्सर सुखी चेहरे एक मुस्कराहट… Read More »राजेन्द्र शर्मा की रचनाएँ

राजेन्द्र वर्मा की रचनाएँ

जिजीविषा पगली कब तक जियें ज़िन्दगी जैसे दूब दबी-कुचली । युगों-युगों से छलता आया हमको समय छली ।। जिसे देखिए, वही रौंदकर हमको चला गया… Read More »राजेन्द्र वर्मा की रचनाएँ

राजेन्द्र राजन की रचनाएँ

बस यही एक अच्छी बात है.. मेरे मन में नफ़रत और गुस्से की आग कुंठाओं के किस्से और ईर्ष्या का नंगा नाच है मेरे मन… Read More »राजेन्द्र राजन की रचनाएँ

राजेन्द्र प्रसाद सिंह की रचनाएँ

विरजपथ इस पथ पर उड़ती धूल नहीं । खिलते-मुरझाते किन्तु कभी तोड़े जाते ये फूल नहीं । खुलकर भी चुप रह जाते हैं ये अधर… Read More »राजेन्द्र प्रसाद सिंह की रचनाएँ

राजेन्द्र प्रसाद शुक्ल की रचनाएँ

गाँव- गाँव के खेत हरे हैं गाँव- गाँव के खेत हरे हैं मटमैले पानी से छल-छल उछल रहे भरके डबरे हैं गाँव- गाँव के खेत… Read More »राजेन्द्र प्रसाद शुक्ल की रचनाएँ