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आधुनिक काल

सरफ़राज़ शाहिद की रचनाएँ

मुनाफ़ा मुश्तरक है और ख़सारे एक जैसे हैं मुनाफ़ा मुश्तरक है और ख़सारे एक जैसे हैं कि हम दोनों की क़िस्मत के सितारे एक जैसे… Read More »सरफ़राज़ शाहिद की रचनाएँ

सरफ़राज़ दानिश की रचनाएँ

आरज़ूओं की रूतें बदले ज़माने हो गए  आरज़ूओं की रूतें बदले ज़माने हो गए ज़िंदगी के साथ सब रिश्ते पुराने हो गए आबला-पाई ने ऐसी… Read More »सरफ़राज़ दानिश की रचनाएँ

सरफ़राज़ ज़ाहिद की रचनाएँ

ऐसी वैसी पे क़नाअत नहीं कर सकते हम  ऐसी वैसी पे क़नाअत नहीं कर सकते हम दान ये फ़क्ऱ की दौलत नहीं कर सकते हम… Read More »सरफ़राज़ ज़ाहिद की रचनाएँ

सरदार अंजुम की रचनाएँ

हैदराबाद धमाकों पर 1). अपाहिज बनके जीने की अदा अच्छी नहीं लगती जो सूली तक न ले जाए सजा अच्छी नहीं लगती 2). ये धमाके… Read More »सरदार अंजुम की रचनाएँ

सय्यद बशीर हुसैन बशीर की रचनाएँ

दिल दुखा था मिरा ऐसा कि दिखाया न गया दिल दुखा था मिरा ऐसा कि दिखाया न गया दर्द इतना था कि ख़ुद उन से… Read More »सय्यद बशीर हुसैन बशीर की रचनाएँ

सय्यद फहीमुद्दीन की रचनाएँ

बक रहा हूँ आज कल हिज़यान बाक़ी ख़ैर है  बक रहा हूँ आज कल हिज़यान बाक़ी ख़ैर है और लाहक़ है ज़रा निस्यान बाक़ी ख़ैर… Read More »सय्यद फहीमुद्दीन की रचनाएँ

सय्यद ज़मीर जाफ़री की रचनाएँ

अगर हम दश्त-ए-जुनूँ में न ग़ज़ल-ख़्वाँ होते अगर हम दश्त-ए-जुनूँ में न ग़ज़ल-ख़्वाँ होते शहर होते भी तो आवाज़ के ज़िंदाँ होते ज़िंदगी तेरे तक़ाज़े… Read More »सय्यद ज़मीर जाफ़री की रचनाएँ

सय्यद काशिफ़ रज़ा की रचनाएँ

इस क़दर ग़ौर से देखा है सरापा उस का इस क़दर ग़ौर से देखा है सरापा उस का याद आता ही नहीं अब मुझे चेहरा… Read More »सय्यद काशिफ़ रज़ा की रचनाएँ

सय्यद अहमद ‘शमीम’ की रचनाएँ

जागते में रात मुझ को ख़्वाब दिखलाया गया जागते में रात मुझ को ख़्वाब दिखलाया गया बन के शाख़-ए-गुल मिरी आँखों में लहराया गया जो… Read More »सय्यद अहमद ‘शमीम’ की रचनाएँ

समृद्धि मनचन्दा की रचनाएँ

आपदा प्यारी लड़की… तुम्हारे पास अधिकतर दो ही विकल्प होंगे लड़ना या चुप रह जाना तुम कोई भी चुनाव करो भीतर कुछ मर जाएगा बहरा… Read More »समृद्धि मनचन्दा की रचनाएँ