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आधुनिक काल

विनय सौरभ की रचनाएँ

क्‍या नामवरों के शहर की यही गति होती है नवीन कुमार ! यहां अरूण कमल रहते हैं मेरे प्रिय कवि। खगेन्‍द्र ठाकुर हैं यहां ख्‍यात… Read More »विनय सौरभ की रचनाएँ

विनय कुमार मालवीय की रचनाएँ

पानी का चक्कर  एक दिवस चूहे जी से आ बोली चुहिया रानी, नल में आज सवेरे से आया नहीं अरे पानी। एक बालटी पानी की… Read More »विनय कुमार मालवीय की रचनाएँ

विनय मिश्र की रचनाएँ

लोकतंत्र अगर यही है  लोकतंत्र अगर यही है तो हमारे लिए नहीं है वैसे यह तमाशा है या परिवर्तन अथवा इस प्रदर्शन का भी कोई… Read More »विनय मिश्र की रचनाएँ

विनय प्रजापति ‘नज़र’ की रचनाएँ

ग़ज़लें उसने हमसे कभी वफ़ा न की रचना काल: 2004उसने हमसे कभी वफ़ा न कीऔर हमने भी तमन्ना न की बहुत बोलते हैं सब ने… Read More »विनय प्रजापति ‘नज़र’ की रचनाएँ

विनय दुबे की रचनाएँ

मेरा गाँव भी सीख जाएगा मेरे गाँव में भी अब पहुँचने लगे हैं अफ़सर और रहने लगे हैं मेरा गाँव भी अब सीख जाएगा किसी… Read More »विनय दुबे की रचनाएँ

विनय कुमार की रचनाएँ

मैंने मार्क्‍स को नहीं पढ़ा  कात्यायनी के लिए जो कहती हैं कि आलोकधन्वा ने मार्क्‍सवाद ठीक से नहीं पढ़ा मैंने मार्क्‍स को नहीं पढ़ा नहीं… Read More »विनय कुमार की रचनाएँ

विद्यावती कोकिल की रचनाएँ

मुझको तेरी अस्ति छू गई  मुझको तेरी अस्ति छू गई है अब न भार से विथकित होती हूँ अब न ताप से विगलित होती हूँ… Read More »विद्यावती कोकिल की रचनाएँ

विद्याभूषण की रचनाएँ

आधी रात को  आधी रात को शोर जब थक कर निढाल सोता है शहर का अजब हाल होता है। सड़कें सुनसान और गलियाँ वीरान हो… Read More »विद्याभूषण की रचनाएँ

विद्याभूषण ‘विभू’की रचनाएँ

घूम हाथी, झूम हाथी  हाथी झूम-झूम-झूम, हाथी घूम-घूम-घूम! राजा झूमें रानी झूमें, झूमें राजकुमार, घोड़े झूमें फौजें झूमें, झूमें सब दरबार! झूम झूम घूम हाथी,… Read More »विद्याभूषण ‘विभू’की रचनाएँ