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विद्यावती कोकिल

विद्यावती कोकिल की रचनाएँ

मुझको तेरी अस्ति छू गई  मुझको तेरी अस्ति छू गई है अब न भार से विथकित होती हूँ अब न ताप से विगलित होती हूँ… Read More »विद्यावती कोकिल की रचनाएँ