ख़ालिद महमूद की रचनाएँ
आँखों में धूप दिल में हरारत लहू की थी आँखों में धूप दिल में हरारत लहू की थी आतिश जवान था तो क़यामत लहू की… Read More »ख़ालिद महमूद की रचनाएँ
आँखों में धूप दिल में हरारत लहू की थी आँखों में धूप दिल में हरारत लहू की थी आतिश जवान था तो क़यामत लहू की… Read More »ख़ालिद महमूद की रचनाएँ
मेरे भी कुछ गिले थे मगर रात हो गई मेरे भी कुछ गिले थे मगर रात हो गईकुछ तुम भी कि रहे थे मगर रात… Read More »ख़ालिद मलिक ‘साहिल’ की रचनाएँ
ये भी क्या एहसान कम हैं देखिये ना आप का ये भी क्या एहसान कम हैं देखिये ना आप का हो रहा है हर तरफ़… Read More »वाजिदा तबस्सुम की रचनाएँ
बात ये है के कोई बात पुरानी भी नहीं बात ये है के कोई बात पुरानी भी नहीं और इस ख़ाक में अब कोई निशानी… Read More »ख़ालिद कर्रार की रचनाएँ
पद कहियो जाय सलाम हमारी राम कूँ।नैण रहे झड लाय तुम्हारे नाम कूँ॥ कमल गया कुमलाय कल्याँ भी जायसी।हरि हाँ, ‘वाजिद’, इस बाडी में बहुरि… Read More »वाजिद की रचनाएँ
फलक ने रंज तीर आह से मेरे ज़ि-बस खेंचा फलक ने रंज तीर आह से मेरे ज़ि-बस खेंचा लबों तक दिल से शब नाले को… Read More »ख़ान-ए-आरज़ू सिराजुद्दीन अली की रचनाएँ
नश्शा-ए-मय के सिवा कितने नशे और भी हैं नश्शा-ए-मय के सिवा कितने नशे और भी हैं कुछ बहाने मेरे जीने के लिए और भी हैं… Read More »खलीलुर्रहमान आज़मी की रचनाएँ
वे लेखक नहीं हैं वे लिखते हैं लेकिन कागज पर नहीं वे लिखते हैं धरती पर वे लिखते हैं लेकिन कलम से नहीं वे लिखते… Read More »खगेंद्र ठाकुर की रचनाएँ
गर्मियाँ शोखियाँ किस शान से हम गर्मियाँ शोख़ियाँ किस शान से हम देखते हैं क्या ही नादानियाँ नादान से हम देखते हैं ग़ैर से बोसा-ज़नी… Read More »वाजिद अली शाह की रचनाएँ
पता नहीं क्या था मेरा, तुम्हारे पास आना तीर-बिंधे हंस का सिद्धार्थ के पास आना था; तुम्हारा मुझे देवव्रतों को सौंप देना पता नहीं क्या… Read More »क्रांति की रचनाएँ