शैल चतुर्वेदी की रचनाएँ
व्यंग्य हमनें एक बेरोज़गार मित्र को पकड़ा और कहा, “एक नया व्यंग्य लिखा है, सुनोगे?” तो बोला, “पहले खाना खिलाओ।” खाना खिलाया तो बोला, “पान… Read More »शैल चतुर्वेदी की रचनाएँ
व्यंग्य हमनें एक बेरोज़गार मित्र को पकड़ा और कहा, “एक नया व्यंग्य लिखा है, सुनोगे?” तो बोला, “पहले खाना खिलाओ।” खाना खिलाया तो बोला, “पान… Read More »शैल चतुर्वेदी की रचनाएँ
ख़ुद से रूठे हैं हम लोग ख़ुद से रूठे हैं हम लोग। टूटे-फूटे हैं हम लोग॥ सत्य चुराता नज़रें हमसे, इतने झूठे हैं हम लोग।… Read More »शेरजंग गर्ग की रचनाएँ
बातों में ढूँढते हैं वो पहलू मलाल का बातों में ढूँढते हैं वो पहलू मलाल का मतलब ये है कि ज़िक्र न आए विसाल का… Read More »शेर सिंह नाज़ ‘देहलवी’ की रचनाएँ
आलम में हुस्न तेरा मशहूर जानते हैं आलम में हुस्न तेरा मशहूर जानते हैं अर्ज़ ओ समा का उस को हम नूर जानते हैं हर-चंद… Read More »शेर मो. ख़ाँ ईमान की रचनाएँ
निराला के प्रति शेष हुआ वह शंखनाद अब पूजा बीती ! इन्दीवर की कथा रही तुम तो अर्पित हुए स्वयं ही । ओ महाप्राण ! इस कालरात्रि… Read More »शेखर जोशी की रचनाएँ
प्रथमहिं सुमिरौ नाम विधाता प्रथमहिं सुमिरौं नाम विधाता । जोविधि विधि किन्ह सकल रंगराता ।। सात अकास किन्ह मैं गुनी । सरंग पताल रचे बिनु… Read More »शेख किफ़ायत की रचनाएँ
बुतो ये शीशा-ए-दिल तोड़ दो ख़ुदा के लिए बुतो ये शीशा-ए-दिल तोड़ दो ख़ुदा के लिए जो संग-ए-दिल हो तो क्या चाहिए जफ़ा के लिए… Read More »शेख़ अली बख़्श ‘बीमार’ की रचनाएँ
कवियों की प्रेमिकाएँ कविताओं में उनसे मेरी मुलाकात हुई वे झमका-झमकाकर नैन पुदीने की चटनी पीसती जाती थीं देवी दुर्गा की तरह उनके रूप की… Read More »शुभेश कर्ण की रचनाएँ
मृत्यु-1 मृत्यु संग न ले जाने का हठ कर रही है मैं उसकी गोद में कूद जाता हँ जीवन हँसता है और घेर लेता है… Read More »शुभाशीष चक्रवर्ती की रचनाएँ
अकलमंदी और मूर्खता स्त्रियों की मूर्खता को पहचानते हुए पुरुषों की अक्लमंदी को भी पहचाना जा सकता है इस बात को उलटी तरह भी कहा… Read More »शुभा की रचनाएँ