चित्रा सिंह की रचनाएँ
प्यार की सीमा रेखा प्यार की सीमा रेखा तय करनी होगी कितनी गहराई तक डुबोना है ख़ुद को कहाँ से वापस आ जाना होगा लौटकर… Read More »चित्रा सिंह की रचनाएँ
प्यार की सीमा रेखा प्यार की सीमा रेखा तय करनी होगी कितनी गहराई तक डुबोना है ख़ुद को कहाँ से वापस आ जाना होगा लौटकर… Read More »चित्रा सिंह की रचनाएँ
मेरे लिए कभी बरसात होगी अश्क की मेरे लिए कभी। रोया करेंगे आप भी मेरे लिए कभी। ढक जायेगी गुलों से मेरी क़ब्र देखना, ऐसी… Read More »चांद शेरी की रचनाएँ
परेशानी का आलम है परेशानी नहीं जाती परेशानी का आलम है परेशानी नहीं जाती अब अपनी शक्ल भी शीशे में पहचानी नहीं जाती यहाँ आबाद है हर शैय खिलें हैं फूल आँगन में मगर घर से हमारे क्यों यह वीरानी नहीं जाती कभी इकरार करतें हैं कभी तकरार होती है… Read More »चाँद शुक्ला हादियाबादी की रचनाएँ
इस तरह कर गया दिल को मेरे वीराँ कोई इस तरह कर गया दिल को मेरे वीराँ कोई न तमन्ना कोई बाक़ी है न अरमाँ… Read More »चराग़ हसन हसरत की रचनाएँ
साधो निंदक मित्र हमारा साधो निंदक मित्र हमारा। निंदक को निकटै ही राखूं होन न दें नियारा। पाछे निंदा करि अघ धोवै, सुनि मन मिटै… Read More »चरणदास की रचनाएँ
कैसे गाऊँ कोई गीत अभिलाषाएं सिसक रही हैं मूक हुआ मन का संगीत कंठ वेदना से रुंध जाता कैसे गाऊँ कोई गीत द्विविधा से यह… Read More »चन्द्रेश शेखर की रचनाएँ
दोहा / भाग 1 प्रेम सतसई जय जय श्री राधारमन, जय मुकुंद गोविद। जय स्यामा जय स्याम ‘रज’, जय किसोर व्रज चन्द।।1।। जय राधे वृषभानुजे,… Read More »चन्द्रभान सिंह ‘रज’की रचनाएँ
क़तरा क़तरा एहसास फैल कर फिर शब-ए-तारीक हुई बहर-ए-सियाह क़तरा क़तरा लब-ए-तन्हाई से टपके एहसास और पल्कों की सलीबों पे वो गुज़रे हुए दिन जैसे… Read More »चन्द्रभान ख़याल की रचनाएँ
मुझको पहाड़ ही प्यारे है मुझको पहाड़ ही प्यारे है प्यारे समुंद्र मैदान जिन्हें नित रहे उन्हें वही प्यारे मुझ को हिम से भरे हुए… Read More »चन्द्रकुंवर बर्त्वाल की रचनाएँ
अगर तुम्हें नीन्द नहीं आ रही अगर तुम्हें नींद नहीं आ रही तो मत करो कुछ ऐसा कि जो किसी तरह सोए हैं उनकी नींद… Read More »चन्द्रकान्त देवताले की रचनाएँ