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चरणदास

चरणदास की रचनाएँ

साधो निंदक मित्र हमारा साधो निंदक मित्र हमारा। निंदक को निकटै ही राखूं होन न दें नियारा। पाछे निंदा करि अघ धोवै, सुनि मन मिटै… Read More »चरणदास की रचनाएँ