सीमा अग्रवाल की रचनाएँ
सपने दिन के कन्धों पर लटके है वेतालों से सपने मजबूरी है सुननी ही है नित इक नई कहानी घोड़े हाथी की राजा रानी की… Read More »सीमा अग्रवाल की रचनाएँ
सपने दिन के कन्धों पर लटके है वेतालों से सपने मजबूरी है सुननी ही है नित इक नई कहानी घोड़े हाथी की राजा रानी की… Read More »सीमा अग्रवाल की रचनाएँ
दल बदलू हवाएँ जो पहले लू बन चलती थीं, वे अब बर्फीली कहलाएँ। दल-बदलू हो गई हवाएँ! सिर्फ हवा क्या, मौसम ने ही अब तो… Read More »सीताराम गुप्त की रचनाएँ
अधिकार सरकार का अधिकार है तुम्हारे विचारों पर तुम्हारी चर्चा पर तुम्हारे व्यवसाय पर सरकार का अधिकार है तुम्हारे नाम में तुम्हारे धर्म में तुम्हारी… Read More »सीत मिश्रा की रचनाएँ
सियासत परम्परागत-कलुषित निहित स्वार्थवश निर्मित मकड़जाल तुम्हारी शक्ति और धर्म का अवलम्ब से बढ़ता रहा अन्धविश्वासों का आश्रय ले उसकी शक्ति पली-पुसी बढ़ी शोषण का… Read More »सी.बी. भारती की रचनाएँ
उठो ज़माने के आशोब का इज़ाला करें उठो ज़माने के आशोब का इज़ाला करें ब-नाम-ए-गुल-बदनाँ रूख़ हुए प्याला करें ब-याद-ए-दीदा-ए-मख़्मूर पर प्याला करें उठो कि… Read More »सिराजुद्दीन ज़फर की रचनाएँ
घोटाले करने की शायद दिल्ली को बीमारी है घोटाले करने की शायद दिल्ली को बीमारी है रपट लिखाने मत जाना तुम ये धंधा सरकारी है… Read More »सिराज फ़ैसल ख़ान की रचनाएँ
ब-ज़ाहिर जो नज़र आते हो तुम मसरूर ऐसा कैसे करते हो ब-ज़ाहिर जो नज़र आते हो तुम मसरूर ऐसा कैसे करते हो बताना तो सही… Read More »सिराज अजमली की रचनाएँ
यह तुम से किस ने कहा है कोई ख़ता ही न हो यह तुम से किस ने कहा है कोई ख़ता ही न हो बस… Read More »सिया सचदेव की रचनाएँ
मैं तो वही खिलौना लूंगा मैं तो वही खिलौना लूंगा मचल गया दीना का लाल खेल रहा था जिसको लेकर राजकुमार उछाल-उछाल। व्यथित हो उठी… Read More »सियारामशरण गुप्त की रचनाएँ
कौसानी में घर की याद कैसे-कैसे करिश्माई कारनामे कर जाता है एक अकेला सूर्य…. किरणों ने कुरेद दिए हैं शिखर बर्फ़ के बीच से बिखर… Read More »सिद्धेश्वर सिंह की रचनाएँ