कुसुम ख़ुशबू की रचनाएँ
महब्बत क्या है ये सब पर अयां है महब्बत क्या है ये सब पर अयां है महब्बत ही ज़मीं और आसमां है ज़हे-क़िस्मत मुझे तुम… Read More »कुसुम ख़ुशबू की रचनाएँ
महब्बत क्या है ये सब पर अयां है महब्बत क्या है ये सब पर अयां है महब्बत ही ज़मीं और आसमां है ज़हे-क़िस्मत मुझे तुम… Read More »कुसुम ख़ुशबू की रचनाएँ
प्यारी के नयनाँ हैं जैसे कटारे प्यारी के नयनाँ हैं जैसे कटारे न सम उस के अंगे कोई हैं धारे असर तुज मोहब्बत का जिस… Read More »क़ुली ‘क़ुतुब’ शाह की रचनाएँ
वंदना (माँ शारदा की) वर दे … वर दे … वर दे। शतदल अंक शोभित, वर दे। मधुर मनोहर वीणा लहरी, राग स्रोत की छटा… Read More »कुलवंत सिंह की रचनाएँ
सितम हवा का अगर तेरे तन को रास नहीं सितम हवा का अगर तेरे तन को रास नहीं कहाँ से लाऊँ वो झोंका जो मेरे… Read More »वज़ीर आग़ा की रचनाएँ
पौडर लगाये अंग पौडर लगाये अंग गालों पर पिंक किये कठिन परखना है गोरी हैं कि काली हैं। क्रीम को चुपर चमकाये चेहरे हैं चारु,… Read More »वचनेश की रचनाएँ
हे विहंगिनी / भाग 1 1 मधुर स्वर, धुन है पहचानी हे विहंगिनी! तुझ-सा ही आनन्द पाएगा मेरा मन। 2 चिनार-वृक्ष, हिमरंजित वन, धरा-वक्ष पे… Read More »कुमुद बंसल की रचनाएँ
रंग चढ़ते-उतरते हैं रंग रंग उतरते-चढ़ते हैं कितने ही रंग कर जाते हैं रंगीन जीवन मटमैला अदृश्य सीढ़ी हैं रंग आने-जाने वाले दृश्य के बाहर… Read More »वंशी माहेश्वरी की रचनाएँ
वह नदी में नहा रही है वह नदी में नहा रही है नदी धूप में और धूप उसके जवान अँगों की मुस्कान मे चमक रही… Read More »कुमारेंद्र पारसनाथ सिंह की रचनाएँ
क्योंकि तख्ता पलट यूँ ही नहीं हुआ करते अब सिर्फ लिखने के लिए नहीं लिखना चाहती थक चुकी हूँ वो ही शब्दों के उलटफेर से… Read More »वंदना गुप्ता की रचनाएँ
रहस्य जीवन का जीवन रूपी रहस्य को मत खोज मानव, डूब जायेगा इसकी गहराई में। तुम से न जाने कितने डूब गये इसमें पर न… Read More »कुमारेन्द्र सिंह सेंगर की रचनाएँ