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आधुनिक काल

श्याम कश्यप बेचैन की रचनाएँ

सफ़र है, सफ़र में सबर रख के चल सफ़र है, सफ़र में सबर रख के चल कहाँ है तू इसकी ख़बर रख के चल कहीं… Read More »श्याम कश्यप बेचैन की रचनाएँ

‘शोला’ अलीगढ़ी की रचनाएँ

ऐ हज़रत ईसा नहीं कुछ जा-ए-सुख़न अब  ऐ हज़रत ईसा नहीं कुछ जा-ए-सुख़न अब वो आ गए रखवाइए तह कर के कफ़न अब सींचा गया… Read More »‘शोला’ अलीगढ़ी की रचनाएँ

शोरिश काश्मीरी की रचनाएँ

अब जी रहा हूँ गर्दिश-ए-दौराँ के साथ-साथ अब जी रहा हूँ गर्दिश-ए-दौराँ के साथ-साथ ये नागवार फ़र्ज़ अदा कर रहा हूँ मैं ऐ रब्ब-ए-ज़ुल-जलाल तिरी… Read More »शोरिश काश्मीरी की रचनाएँ

शोभा कुक्कल की रचनाएँ

ख़्वाब थे मेरे कुछ सुहाने से ख़्वाब थे मेरे कुछ सुहाने से, आपको क्या मिला मिटाने से। राहे-हक़ पर जो लोग चलते हैं, ख़ौफ़ खाते… Read More »शोभा कुक्कल की रचनाएँ

शोभना ‘श्याम’ की रचनाएँ

गजलें हसरतों का चला रतजगा रात भर हसरतों का चला रतजगा रात भर धड़कनों का सफ़र साथ था रात भर भागता अजनबी-सा रहा दूर दिन… Read More »शोभना ‘श्याम’ की रचनाएँ

शोभनाथ शुक्ल की रचनाएँ

अनारकली, जॉब कार्ड और सूरजकली कई-कई दिन लौटी है अनारकली………… जॉब कार्ड दिखाकर काम की तलाश में भटकी है आज-कल के चक्कर में अधिकारियों की… Read More »शोभनाथ शुक्ल की रचनाएँ

कुँअर बेचैन की रचनाएँ

पिन बहुत सारे (कविता) जिंदगी का अर्थ मरना हो गया है और जीने के लिये हैं दिन बहुत सारे । इस समय की मेज़ पर… Read More »कुँअर बेचैन की रचनाएँ

शैलेश मटियानी की रचनाएँ

राष्ट्र-ध्वजा का प्रश्न प्रश्न पूछती फिरती सबसे राष्ट्र-ध्वजा इस देश की- ‘तुमको ममता मेरी ज़्यादा है, या अपनी देह की? क्या उत्तर दोगे तुम अपनी… Read More »शैलेश मटियानी की रचनाएँ

कुँअर उदयसिंह ‘अनुज’ की रचनाएँ

कुँअर उदयसिंह अनुज के दोहे-1  कैसा सींचा आपने, कैसी करी सँवार। उपजाऊ इस खेत की, फ़सलें हैं बीमार। ग़लत जुटाया आपने, यह साज़ो-सामान। बनते-बनते ढह… Read More »कुँअर उदयसिंह ‘अनुज’ की रचनाएँ

शैलेश पंडित की रचनाएँ

बादल के पंख बादल के पंख बड़े प्यारे हैं, डैडी! मेरे भी पंख अगर होते, बादल के बच्चों से करता तब दोस्ती, उड़ते हम साँझ… Read More »शैलेश पंडित की रचनाएँ