Skip to content

आधुनिक काल

अम्बिकाप्रसाद वर्मा ‘दिव्य’ की रचनाएँ

एक-रदन कुंजर-बदन, लम्बोदर लघु-नैन। सिद्धि लही जग सुमिर तुहिं, कस पाँऊ गौ मैं न।।1।। फाँदि दीठि-गुनि मन-घटहिं, रूप-कूप में डारि। को न पियत जग-मग चलत,… Read More »अम्बिकाप्रसाद वर्मा ‘दिव्य’ की रचनाएँ

शहंशाह आलम की रचनाएँ

ज़रूरी पत्रों का खोना  कितने हिंसक होते हैं वे जरूरी पत्र जो गुम हो जाते हैं हाथों में आने से पहले जिस तरह जरूरी पत्रों… Read More »शहंशाह आलम की रचनाएँ

अम्बरीन सलाहुद्दीन की रचनाएँ

असीर-ए-ख़्वाब नई जुस्तुजू के दर खोलें  असीर-ए-ख़्वाब नई जुस्तुजू के दर खोलें हवा पे हाथ रखें और अपने पर खोलें समेट अपने सराबों में बारिशों… Read More »अम्बरीन सलाहुद्दीन की रचनाएँ

अम्बर रंजना पाण्डेय की रचनाएँ

ठाकुर बिजोय गोसाईं का विषपान  नुआपारे पर मूमुर्षू भवन में छबिमान बिजोय गोसाईं से पंडित ने कहा, अविलंब प्रसाद ग्रहण करना सदैव शास्त्र का वचन… Read More »अम्बर रंजना पाण्डेय की रचनाएँ

अम्बर बहराईची की रचनाएँ

अब क़बीले की रिवायत है बिखरने वाली अब क़बीले की रिवायत है बिखरने वाली हर नज़र ख़ुद में कोई शहर है भरने वाली ख़ुश-गुमानी ये… Read More »अम्बर बहराईची की रचनाएँ

अंबर खरबंदा की रचनाएँ

मुश्किल को समझने का वसीला निकल आता मुश्किल को समझने का वसीला निकल आता तुम बात तो करते कोई रस्ता निकल आता घर से जो… Read More »अंबर खरबंदा की रचनाएँ

अमोघ नारायण झा ‘अमोघ’ की रचनाएँ

एक कली थी खड़ी कली, अधखिली कली, रसभरी कली । जब विहँस पड़ी, तब निखर उठी, आया कोई मधु का लोभी । गुन-गुन करता मधु… Read More »अमोघ नारायण झा ‘अमोघ’ की रचनाएँ

अमृता भारती की रचनाएँ

एक सत्य मेरे जीवन की बर्फ़ परलिख जाते कुछ नामकुछ स्वप्नकुछ इन्द्रधनुषबार-बार — फिर टूटते बर्फ़ में सब पुँछ जाताया गल जाता — अपनी छूटी… Read More »अमृता भारती की रचनाएँ

अमीर हम्ज़ा साक़िब की रचनाएँ

बदन के लुक़मा-ए-तर को हराम कर लिया है  बदन के लुक़मा-ए-तर को हराम कर लिया है के ख़्वान-ए-रूह पे जब से तआम कर लिया है… Read More »अमीर हम्ज़ा साक़िब की रचनाएँ

अमीर मीनाई की रचनाएँ

उस की हसरत है जिसे दिल से मिटा भी न सकूँ  उस की हसरत[1] है जिसे दिल से मिटा भी न सकूँ ढूँढने उस को चला… Read More »अमीर मीनाई की रचनाएँ