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आधुनिक काल

अनामिका की रचनाएँ

अयाचित मेरे भंडार मेंएक बोरा ‘अगला जनम’‘पिछला जनम’ सात कार्टनरख गई थी मेरी माँ। चूहे बहुत चटोरे थेघुनों को पता ही नहीं थाकुनबा सीमित रखने… Read More »अनामिका की रचनाएँ

शरद कोकास की रचनाएँ

अनकही वह कहता था वह सुनती थी जारी था एक खेल कहने सुनने का खेल में थी दो पर्चियाँ एक में लिखा था ‘कहो’ एक… Read More »शरद कोकास की रचनाएँ

श्रीकृष्णचंद्र तिवारी ‘राष्ट्रबंधु’ की रचनाएँ

कंतक थैया कंतक थैया घुनूँ मनइयाँ! चंदा भागा पइयाँ पइयाँ! यह चंदा चरवाहा है, नीले-नीले खेत में! बिल्कुल सैंत मैंत में, रत्नों भरे खेत में!… Read More »श्रीकृष्णचंद्र तिवारी ‘राष्ट्रबंधु’ की रचनाएँ

श्रीकृष्ण शर्मा की रचनाएँ

तम में कोई नरभक्षी है यह सूरज है, चित्र फलक तक ! पेड़ गए भीतर बंगलों में, सिर्फ प्रदूषण है क़त्लों में ! यह है आग कि… Read More »श्रीकृष्ण शर्मा की रचनाएँ

श्रीप्रकाश मिश्र की रचनाएँ

पानी-1 जो पत्ते की नोक से सरककर कंकड़ में छेद करता है खो जाता है रेत में रेत के गर्भ में पड़ा वह प्रतीक्षा करता… Read More »श्रीप्रकाश मिश्र की रचनाएँ

शम्सुर्रहमान फ़ारूक़ी की रचनाएँ

अब मुझ से ये रात तय न होगी अब मुझ से ये रात तय न होगी पत्थर ये जबीं न है न होगी ख़ुर्शीद न… Read More »शम्सुर्रहमान फ़ारूक़ी की रचनाएँ

श्रीधर पाठक की रचनाएँ

कुक्कुटी  कुक्कुट इस पक्षी का नाम, जिसके माथे मुकुट ललाम। निकट कुक्कुटी इसकी नार, जिस पर इसका प्रेम अपार। इनका था कुटुम परिवार, किंतु कुक्कुटी… Read More »श्रीधर पाठक की रचनाएँ

शम्स फ़र्रुख़ाबादी की रचनाएँ

कमरे की दीवारों पर आवेज़ां जो तस्वीरें हें  कमरे की दीवारों पर आवेज़ां जो तस्वीरें हेंअहद-ए-गुज़िश्ता के ख़्वाबों की बिखरी हुई ताबीरें हैं उनके ख़त… Read More »शम्स फ़र्रुख़ाबादी की रचनाएँ

श्रीकृष्ण तिवारी की रचनाएँ

नवगीत – 1 क्या हुए वे रेत पर उभरे नदी के पांव जिन्हें लेकर लहर आई थी हमारे गाँव आइना वह कहाँ जिसमें हम संवारे… Read More »श्रीकृष्ण तिवारी की रचनाएँ

श्रीधर करुणानिधि की रचनाएँ

वे ही तय करते हैं अब वे ही तय करते हैं हमारी खातिर हमारे न चाहते हुए भी तय करते हैं कि कितनी हो हमारी… Read More »श्रीधर करुणानिधि की रचनाएँ