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काज़िम जरवली की रचनाएँ

सरकारी स्कूल की खिचड़ी अच्छा है यही तुम मुझे भूखा ही सुलाना, अच्छी मेरी अम्मा कभी खिचड़ी न पकाना । स्कूल मे खिचड़ी ही तो… Read More »काज़िम जरवली की रचनाएँ

काका हाथरसी की रचनाएँ

नाम बड़े, दर्शन छोटे नाम-रूप के भेद पर कभी किया है गौर ? नाम मिला कुछ और तो, शक्ल-अक्ल कुछ और शक्ल-अक्ल कुछ और, नैनसुख देखे… Read More »काका हाथरसी की रचनाएँ

‘क़ाएम’ चाँदपुरी की रचनाएँ

दर्द पी लेते हैं और दाग़ पचा जाते हैं दर्द पी लेते हैं और दाग़ पचा जाते हैं याँ बला-नोश हैं जो आए चढ़ा जाते… Read More »‘क़ाएम’ चाँदपुरी की रचनाएँ

कांतिमोहन ‘सोज़’ की रचनाएँ

बोल मजूरे हल्ला बोल बोल मजूरे हल्ला बोल काँप रही सरमाएदारी खुलके रहेगी इसकी पोल बोल मजूरे हल्ला बोल ! ख़ून को अपने बना पसीना तूने… Read More »कांतिमोहन ‘सोज़’ की रचनाएँ

कस्तूरी झा ‘कोकिल’ की रचनाएँ

प्रार्थना माँ सरस्वती! बसॅ हृदय में स्वीकार करॅ सुमन-चंदन। चरण-कमल रॅ दास बनाबॅ। सदा प्रार्थना शीश नमन। जे कुछ देखियै, सच-सच लिखियै, पाठक केॅ ले… Read More »कस्तूरी झा ‘कोकिल’ की रचनाएँ

शैलप्रिया की रचनाएँ

स्वगत कविता सहेली की साल नहीं जिसे मौसम के मुताबिक माँग कर लपेट लिया जाए कविता मेरा मन है संवेदना है मुझसे फूटी हुई रसधारा… Read More »शैलप्रिया की रचनाएँ

शैलजा पाठक की रचनाएँ

पायताने बैठ कर १ एक छोटे ब‘चे की हथेली में तेल से अम्मा एक गोल बनाती कहती ये लो लड्डू भैया दूसरी हथेली बढ़ा देता… Read More »शैलजा पाठक की रचनाएँ

शैलजा नरहरि

लड़की बहुत ज़ोर से हँसती हो तुम ऐसे नहीं हँसते मुसकुराना तो और भी ख़तरनाक है चलते वक़्त भी ध्यान रखा करो क़दमों की आवाज़… Read More »शैलजा नरहरि

शैल चतुर्वेदी की रचनाएँ

व्यंग्य हमनें एक बेरोज़गार मित्र को पकड़ा और कहा, “एक नया व्यंग्य लिखा है, सुनोगे?” तो बोला, “पहले खाना खिलाओ।” खाना खिलाया तो बोला, “पान… Read More »शैल चतुर्वेदी की रचनाएँ

शेरजंग गर्ग की रचनाएँ

ख़ुद से रूठे हैं हम लोग ख़ुद से रूठे हैं हम लोग। टूटे-फूटे हैं हम लोग॥ सत्य चुराता नज़रें हमसे, इतने झूठे हैं हम लोग।… Read More »शेरजंग गर्ग की रचनाएँ