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October 2020

हरजिन्दर सिंह लाल्टूकी रचनाएँ

देखो, हर ओर उल्लास है 1 पत्ता पत्ते से फूल फूल से क्या कह रहा है मैं तुम्हारी और तुम मेरी आँखों में क्या देख… Read More »हरजिन्दर सिंह लाल्टूकी रचनाएँ

लालित्य ललित की रचनाएँ

हमारे माँ-बाप / समझदार किसिम के लोग चाहते हो मायूस होना ? क्यों चाहते हो ? किसलिए चाहते हो ? किसके लिए चाहते हो !! कितने आज मायूस हैं… Read More »लालित्य ललित की रचनाएँ

लाला जगदलपुरी की रचनाएँ

सज्जन कितना बदल गया है दहकन का अहसास कराता, चंदन कितना बदल गया है मेरा चेहरा मुझे डराता, दरपन कितना बदल गया है । आँखों… Read More »लाला जगदलपुरी की रचनाएँ

लालचन्द राही की रचनाएँ

मोची की व्यथा  फटे जूते सी ज़िन्दगी सीने के लिए चमड़ा काटता है वह किसी की जेब या गला नहीं पॉलिश करने से पहले दो… Read More »लालचन्द राही की रचनाएँ

लाल चंद प्रार्थी ‘चाँद’ कुल्लुवी की रचनाएँ

ख़ुश्क़ धरती की दरारों ने किया याद अगर ख़ुश्क़ धरती की दरारों ने किया याद अगर उनकी आशाओं का बादल हूँ बरस जाऊँगा कौन समझेगा… Read More »लाल चंद प्रार्थी ‘चाँद’ कुल्लुवी की रचनाएँ

लाल कवि की रचनाएँ

छाये नभमंडल मैं, सलज सघन घन छाये नभमंडल मैं, सलज सघन घन, कारे पीरे श्वेत रंग, धारतै रहत हैं। ‘लाल’ जू कहत, त्यौंही चहकि चुरैल… Read More »लाल कवि की रचनाएँ

लाखन सिंह भदौरिया की रचनाएँ

मुक्तक  धूप जैसे गन्ध में, आकर नहाये। रूप जैसे छन्द में, आकर नहाये। नाद लय में याद यों डूबी हुई- पीर के आनन्द में, गाकर… Read More »लाखन सिंह भदौरिया की रचनाएँ

लवली गोस्वामी की रचनाएँ

प्रेम पर फुटकर नोट्स- 1  जिन्हें यात्राओं से प्रेम होता है वे यात्री की तरह कम फ़क़ीरों की तरह अधिक यात्रा करते हैं जिन्हें स्त्रियों… Read More »लवली गोस्वामी की रचनाएँ

लल्लीप्रसाद पांडेय की रचनाएँ

बानर जी आँखों पर चश्मा है सुंदर, सिर पर गांधी टोपी है, और गले में पड़ा दुपट्टा, निकली बाहर चोटी है। टेबिल लगा बैठ कुरसी… Read More »लल्लीप्रसाद पांडेय की रचनाएँ

ललित मोहन त्रिवेदी की रचनाएँ

आईना भी मुझे बरगलाता रहा  ग़ज़ल आईना भी मुझे , बरगलाता रहा ! दाहिने को वो बाँया दिखाता रहा !! दुश्मनी की अदा देखिये तो सही ! करके… Read More »ललित मोहन त्रिवेदी की रचनाएँ