Skip to content

अंबर खरबंदा की रचनाएँ

मुश्किल को समझने का वसीला निकल आता मुश्किल को समझने का वसीला निकल आता तुम बात तो करते कोई रस्ता निकल आता घर से जो… Read More »अंबर खरबंदा की रचनाएँ

अमोघ नारायण झा ‘अमोघ’ की रचनाएँ

एक कली थी खड़ी कली, अधखिली कली, रसभरी कली । जब विहँस पड़ी, तब निखर उठी, आया कोई मधु का लोभी । गुन-गुन करता मधु… Read More »अमोघ नारायण झा ‘अमोघ’ की रचनाएँ

अमृता भारती की रचनाएँ

एक सत्य मेरे जीवन की बर्फ़ परलिख जाते कुछ नामकुछ स्वप्नकुछ इन्द्रधनुषबार-बार — फिर टूटते बर्फ़ में सब पुँछ जाताया गल जाता — अपनी छूटी… Read More »अमृता भारती की रचनाएँ

अमीर हम्ज़ा साक़िब की रचनाएँ

बदन के लुक़मा-ए-तर को हराम कर लिया है  बदन के लुक़मा-ए-तर को हराम कर लिया है के ख़्वान-ए-रूह पे जब से तआम कर लिया है… Read More »अमीर हम्ज़ा साक़िब की रचनाएँ

अमीर मीनाई की रचनाएँ

उस की हसरत है जिसे दिल से मिटा भी न सकूँ  उस की हसरत[1] है जिसे दिल से मिटा भी न सकूँ ढूँढने उस को चला… Read More »अमीर मीनाई की रचनाएँ

अमीर खुसरो की रचनाएँ

पहेलियाँ १.तरवर से इक तिरिया उतरी उसने बहुत रिझायाबाप का उससे नाम जो पूछा आधा नाम बतायाआधा नाम पिता पर प्यारा बूझ पहेली मोरीअमीर ख़ुसरो… Read More »अमीर खुसरो की रचनाएँ

‘अमीर’ क़ज़लबाश की रचनाएँ

आँखें खुली हुई है तो मंज़र भी आँखें खुली हुई है तो मंज़र भी आएगा काँधों पे तेरे सर है तो पत्थर भी आएगा हर… Read More »‘अमीर’ क़ज़लबाश की रचनाएँ

अमीर इमाम की रचनाएँ

अब इस जहान-ए-बरहना का इस्तिआरा हुआ  अब इस जहान-ए-बरहना का इस्तिआरा हुआ मैं ज़िंदगी तिरा इक पैरहन उतारा हुआ सियाह-ख़ून टपकता है लम्हे लम्हे से… Read More »अमीर इमाम की रचनाएँ

अमीन हज़ीं की रचनाएँ

अफ़्साना-ए-हयात को दोहरा रहा हूँ मैं  अफ़्साना-ए-हयात को दोहरा रहा हूँ मैं यूँ अपनी उम्र-ए-रफ़्ता को लौटा रहा हूँ मैं इक इक क़दम पे दर्स-ए-वफ़ा… Read More »अमीन हज़ीं की रचनाएँ

अमीन अशरफ़ की रचनाएँ

कभी कभी जो वो मिलता तो  कभी कभी जो वो मिलता तो दिल में जा करता विसाल-ए गोश-ए बाब-ए सुख़न भी वा करता वो ख़ुदशनाश… Read More »अमीन अशरफ़ की रचनाएँ