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कुमार विकल की रचनाएँ

आओ पहल करें (ज्ञानरंजन को सम्बोधित) जब से तुम्हारी दाढ़ी में सफ़ेद बाल आने लगे हैं तुम्हारे दोस्त कुछ ऎसे संकेत पाने लगे हैं कि… Read More »कुमार विकल की रचनाएँ

कुमार विक्रम की रचनाएँ

इतिहास के पन्ने पुनः पलटते हुए  मैं धम्म से कुर्सी से गिर पड़ा ज़मीन पर लेटे-लेटे लगा सोचने कि यह व्यक्ति जो मेरे सामने है… Read More »कुमार विक्रम की रचनाएँ

कुमार राहुल की रचनाएँ

मुमकिन है  जिन्दगी की उदास ख़ास शामों में ग़र मैं सोचूं कि हो रही होगी तुम भी उदास तो मुमकिन है कि ग़ैर वाजिब हो… Read More »कुमार राहुल की रचनाएँ

कुमार रवींद्र की रचनाएँ

कुछ सुख बचे हैं  यह क्या, भन्ते ! बोधिवृक्ष को खोज रहे तुम महानगर में यों यह सच है बोधिवृक्ष की चर्चा थी कल सभागार में… Read More »कुमार रवींद्र की रचनाएँ

कुमार मुकुल की रचनाएँ

माँ सरस्‍वती मां सरस्‍वती! वरदान दो कि हम सदा फूलें-फलें अज्ञान सारा दूर हो और हम आगे बढ़ें अंधकार के आकाश को हम पारकर उपर… Read More »कुमार मुकुल की रचनाएँ

कुमार मंगलम की रचनाएँ

नदी कथा दिन ढ़लते शाम तट पर पानी में पैर डाले नदी किनारे रेत पर औंधा पड़ा है 2. नदी किनारे रेत के खूंटे में… Read More »कुमार मंगलम की रचनाएँ

कुमार प्रशांत की रचनाएँ

गंगा-1 (हमें आप्लावित कर दो!) सैकड़ों वृक्ष : जलती दोपहर : ठहरी नदी हरियाली के धब्बे समेटे धूसर-सा दिखाई देता वन! टहनियाँ बने हज़ारों हाथ प्रार्थनारत आकाश… Read More »कुमार प्रशांत की रचनाएँ

कुमार पाशी की रचनाएँ

रात! मेरे दिल में नाच रात–प्यारी रात-नाच चल रही है आज यादों की पवन–ऐ रात नाच आसमानों की बहन–ऐ रात नाच ऐ मेरी देरीना महबूबा,… Read More »कुमार पाशी की रचनाएँ

कुमार नयन की रचनाएँ

तारों भरी है रात ग़ज़ल कह रहा हूँ मैं तारों भरी है रात ग़ज़ल कह रहा हूँ मैं रौशन है कायनात ग़ज़ल कह रहा हूँ… Read More »कुमार नयन की रचनाएँ

कुमार कृष्ण की रचनाएँ

बड़े होते बच्चे  बार-बार सोचता हूँ- बच्चे याद करें अपना छोटा सा गाँव याद करें बचपन की शरारतें अपने मम्मी-पापा, दादा-दादी, नाना-नानी बच्चे करें याद-… Read More »कुमार कृष्ण की रचनाएँ