विजय कुमार देव की रचनाएँ
प्रार्थना आओ मेरे प्रिय शब्दों मै प्रार्थना करता हूँ अपने दुःख भरे दिनों में ठण्डेपन के साथ आना तुम शाम को थककर जिन्दगी से टूटने… Read More »विजय कुमार देव की रचनाएँ
प्रार्थना आओ मेरे प्रिय शब्दों मै प्रार्थना करता हूँ अपने दुःख भरे दिनों में ठण्डेपन के साथ आना तुम शाम को थककर जिन्दगी से टूटने… Read More »विजय कुमार देव की रचनाएँ
भवसागर पार हुआ आदि गुरु जो संस्कृति दाता,वंदन ऐसी थाती का । साँच सनातन धर करता हूँ ,वर्णन भारत माटी का। उदधिराज पगवंदन करता,और हिमाला… Read More »विजय कुमार विद्रोही की रचनाएँ
अभी मिटे भी नहीं, पीठ पर से निशान कल के अभी मिटे भी नहीं, पीठ पर से निशान कल के और पाँव आने वाले भी… Read More »विजय किशोर मानव की रचनाएँ
कभी है अमृत, कभी ज़हर है, बदल-बदल के मैं पी रहा हूँ कभी है अमृत, कभी ज़हर है, बदल-बदल के मैं पी रहा हूँ मैं… Read More »विजय कुमार पुरी की रचनाएँ
दोहा / भाग 1 कूल कलिंदी नीप पर, सोहत अति अभिराम।यह छवि मेरे मन बसो, निसि दिन स्यामा-स्यामा।।1।। राधापति हिय मैं धरौं, राधापति मुख बैन।राधापति… Read More »विक्रमादित्य सिंह विक्रम की रचनाएँ
ये कैसे सानिहे अब पेश आने लग गए हैं ये कैसे सानिहे अब पेश आने लग गए हैं तेरे आगोश में हम छटपटाने लग गए… Read More »विक्रम शर्मा की रचनाएँ
एक तितली एक तितली काट गयी रास्ता सुबह सुबह दिन सारा रंग रंग हो गया खुली आँख तो खुली आँख तो खुद को जकड़े हुए… Read More »विकि आर्य की रचनाएँ
सड़कोॅ पर खेतोॅ रं तोंय चुप अनाज दौ बात नै लानोॅ सड़कोॅ पर चार जनां जे नपना बनलै धुय्यां उड़लै सड़कोॅ पर लाठी-सोंटा बम-तम फोड़ी… Read More »विकास पाण्डेय की रचनाएँ
फिर से गिरवी मकान है शायद फिर से गिरवी मकान है शायद घर में बेटी जवान है शायद। ये लकीरें सी जो हैं चेहरे पर… Read More »विकास जोशी की रचनाएँ
हालात के लिहाज से ऊँचाइयाँ मिलीं हालात के लिहाज से ऊँचाइयाँ मिलीं लेकिन खुली किताब तो रुसवाइयाँ मिलीं ज़िन्दा नहीं रहा कोई लाशों की भीड़… Read More »विकास की रचनाएँ