विश्वदेव शर्मा की रचनाएँ
किताब कैसी अचरज़ भरी किताब! इसका कोई नहीं जवाब! कविता और कहानी हैं- तसवीरें लासानी हैं! भूत-प्रेत है, नानी हैं, कितने राजा रानी हैं! कितनी… Read More »विश्वदेव शर्मा की रचनाएँ
किताब कैसी अचरज़ भरी किताब! इसका कोई नहीं जवाब! कविता और कहानी हैं- तसवीरें लासानी हैं! भूत-प्रेत है, नानी हैं, कितने राजा रानी हैं! कितनी… Read More »विश्वदेव शर्मा की रचनाएँ
बस्ता बस्ते में बच्चे रख रहे हैं ताज़ा उगी सुबह की धूप का टुकड़ा जैसे वे अपनी किताबों को किसी अदृश्य अधेरे से बचाना चाहते… Read More »विशाल श्रीवास्तवकी रचनाएँ
तुम जैसा मनमीत नहीं है कसम खुदा की खाकर कहता तुम जैसा मनमीत नहीं है जितनी सुन्दर तुम हो उतना, सुन्दर मेरा गीत नहीं है… Read More »विशाल समर्पित की रचनाएँ
तेरी बस्ती का मंज़र देखती हूँ तेरी बस्ती का मंजर देखती हूँ तबाही आज घर-घर देखती हूँ। बज़ाहिर मोम का पैकर है लेकिन वो अंदर… Read More »विशाखा विधु की रचनाएँ
इस धरती पर इस धरती पर किसी जगह एक रंग-बिरंगी अनन्त जिजीविषा से परिपूर्ण कोई खुशबू कोई मासूमियत और कोई मुस्कान जब अपने भीतर की… Read More »विवेक तिवारी की रचनाएँ
अभिधा की एक शाम नरबलि एक छोटी शाम जो लम्बी खिंचती जाती थी बिल्कुल अभिधा में। रक्ताभा लिए रवि लुकता जाता था। लक्षणा के लद… Read More »विवेक निराला की रचनाएँ
डोरी पर घर आँगन में बंधी डोरी पर सूख रहे हैं कपड़े पुरुष की कमीज और पतलून फैलाई गई है पूरी चैड़ाई में सलवटों में… Read More »विवेक चतुर्वेदी की रचनाएँ
महाराणा प्रताप अणु-अणु पै मेवाड के, छपी तिहारी छाप। तेरे प्रखर प्रताप तें, राणा प्रबल प्रताप॥ जगत जाहिं खोजत फिरै, सो स्वतंत्रता आप। बिकल तोहिं… Read More »वियोगी हरि की रचनाएँ
वैसे ही आऊँगा मंदिर की घंटियों की आवाज़ के साथरात के चौथे पहरजैसे पंछियों की नींद को चेतना आती है किसी समय के बवंडर मेंखो… Read More »विमलेश त्रिपाठी की रचनाएँ
क्रांति की लपट उठी क्रांति की लपट उठी शांति की जली कुटी तिनका-तिनका जल रहा चिंगारियों का झुंड बाँधकर हुजूम चल रहा क्रांति-दीप तरुण! आज… Read More »विमल राजस्थानी की रचनाएँ