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शहंशाह आलम की रचनाएँ

अभी-अभी  अभी-अभी एक शब्द जनमा उस बच्चे के मुँह से माँ से जनमी एक पूरी भाषा समृद्ध अभी-अभी यह समय था तुम्हारा अब हुआ किसी… Read More »शहंशाह आलम की रचनाएँ

शशिप्रकाश की रचनाएँ

युद्धबन्दियों का गीत हम समय के युद्धबन्दी हैं युद्ध तो लेकिन अभी हारे नहीं हैं हम । लालिमा है क्षीण पूरब की पर सुबह के… Read More »शशिप्रकाश की रचनाएँ

शशि सहगल की रचनाएँ

गान्धारी-1 मैं नहीं जानती कि मैं तुम्हें कितना चाहती हूं कसमें खाने की उम्र नहीं है मेरी न ही तुम्हारी फिर भी तुम्हें किसी मुसीबत… Read More »शशि सहगल की रचनाएँ

शशि पुरवार की रचनाएँ

अंतर्मन अंतर्मन एक ऐसा बंद घर जिसके अन्दर रहती है संघर्ष करती हुई जिजीविषा, कुछ ना कर पाने की कसक घुटन भरी साँसे कसमसाते विचार… Read More »शशि पुरवार की रचनाएँ

शशिकान्त गीते की रचनाएँ

गूलर के फूल कथित रामप्यारे ने देखे सपने में गूलर के फूल। स्वर्ण महल में पाया ख़ुद को रेशम के वस्त्रों में लकदक रत्नजड़ित झूले… Read More »शशिकान्त गीते की रचनाएँ

शलभ श्रीराम सिंह की रचनाएँ

नफ़स-नफ़स क़दम-क़दम नफ़स-नफ़स क़दम-क़दम बस एक फ़िक्र दम-ब-दम घिरे हैं हम सवाल से हमें जवाब चाहिए जवाब-दर-सवाल है के इन्क़लाब चाहिए इन्क़लाब ज़िन्दाबाद, ज़िन्दाबाद इन्क़लाब… Read More »शलभ श्रीराम सिंह की रचनाएँ

शर्मिष्ठा पाण्डेय की रचनाएँ

दशहरा  परिवर्तनों के युग में… कुछ नया होगा… अब,दशहरे में… नहीं जलेगा… वह,दुराचारी,अनाचारी… नराधम,दस मुखों वाला… रावण….. उसका वंश नहीं मिटा… अमिट है… बाँट दिए… Read More »शर्मिष्ठा पाण्डेय की रचनाएँ

शरद रंजन शरद की रचनाएँ

इसी पृथ्वी पर इसी पृथ्वी पर इतने सारे जीव आदमी पशु-पक्षी कीट-पतंग जीवन के ढेर सारे रंग पृथ्वी पर ही पहाड़ पानी आग उसकी मिट्टी… Read More »शरद रंजन शरद की रचनाएँ

शरद बिलौरे की रचनाएँ

हम आज़ाद हैं… सतरंगे पोस्टर चिपका दिए हैं हमने दुनिया के बाज़ार में कि हम आज़ाद हैं । हम चीख़ रहे हैं चौराहों पर हम… Read More »शरद बिलौरे की रचनाएँ