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Hindi

चंद्र कुमार जैन की रचनाएँ

  एक दीप सूरज के आगे लीक से हटकर अलग चाहे हुआ अपराध मुझसे, सच कहूँ, सूरज के आगे दीप मैंने रख दिया है ! प्रश्नों… Read More »चंद्र कुमार जैन की रचनाएँ

चंदबरदाई की रचनाएँ

प्रन्म्म प्रथम मम आदि देव प्रन्म्म प्रथम मम आदि देव ऊंकार सब्द जिन करि अछेव निरकार मध्य साकार कीन मनसा विलास सह फल फलीन बरन्यौ… Read More »चंदबरदाई की रचनाएँ

चतुर्भुज मिश्र की रचनाएँ

हाय हर सुबह लहू से लथपथ है, हर शाम अनय से काली है । मानवता लगता लुप्त हुई, अब दानवता की पाली है ॥ यह… Read More »चतुर्भुज मिश्र की रचनाएँ

चतुर्भुजदास की रचनाएँ

माखन की चोरी के कारन माखन की चोरी के कारन, सोवत जाग उठे चल भोर। ऍंधियारे भनुसार बडे खन, धँसत भुवन चितवत चहुँ ओर॥ परम… Read More »चतुर्भुजदास की रचनाएँ

महेश आलोक की रचनाएँ

चलो कुछ खेल जैसा खेलें चलो कुछ खेल जैसा खेलें थोड़ा- थोड़ा साहस थोड़ा- थोड़ा भय साथ-साथ रखें थोड़ा-थोड़ा अनुचित थोड़ा-थोड़ा उचित इतना प्रेम करें… Read More »महेश आलोक की रचनाएँ

महेन्द्र सिंह बेदी ‘सहर’ की रचनाएँ

आ रहे हैं मुझको समझाने बहुत आ रहे हैं मुझको समझाने बहुत अक़्ल वाले कम हैं दीवाने बहुत साक़िया हम को मुरव्वत चाहिए शहर में… Read More »महेन्द्र सिंह बेदी ‘सहर’ की रचनाएँ

महेन्द्र भटनागर की रचनाएँ

वेदना ओढ़े कहाँ जाएँ वेदना ओढ़े कहाँ जाएँ! उठ रहीं लहरें अभोगे दर्द की! कैसे सहज बन मुस्कुराएँ!! रुँधा है कंठ कैसे गीत में उल्लास… Read More »महेन्द्र भटनागर की रचनाएँ

महेन्द्र गगन की रचनाएँ

क़ामयाबी ‘हम होंगे क़ामयाब एक दिन’ यह ’एक दिन’ आशा के आकाश में टंगा वह छलावा है जिससे ठगे जा रहे हैं हम हर बार,… Read More »महेन्द्र गगन की रचनाएँ

महेंद्र नेह की रचनाएँ

ज़हर न जाने क्या-क्या हो रहा है इक्कीसवीं सदी में अप्रत्याशित, अकल्पित और अद्भुत्त मगर कुछ लोग हैं जो इक्कीसवीं सदी में सिर्फ़ ज़हर बोने… Read More »महेंद्र नेह की रचनाएँ

महेंद्र अग्रवाल की रचनाएँ

गम नहीं, गम नहीं, गम नहीं… गम नहीं, गम नहीं, गम नहीं ग़मज़दा आपसे , कम नहीं लफ़्ज़ बेशक बहुत शोख है आपकी बात में… Read More »महेंद्र अग्रवाल की रचनाएँ