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Hindi

विनय कुमार की रचनाएँ

मैंने मार्क्‍स को नहीं पढ़ा  कात्यायनी के लिए जो कहती हैं कि आलोकधन्वा ने मार्क्‍सवाद ठीक से नहीं पढ़ा मैंने मार्क्‍स को नहीं पढ़ा नहीं… Read More »विनय कुमार की रचनाएँ

विद्यावती कोकिल की रचनाएँ

मुझको तेरी अस्ति छू गई  मुझको तेरी अस्ति छू गई है अब न भार से विथकित होती हूँ अब न ताप से विगलित होती हूँ… Read More »विद्यावती कोकिल की रचनाएँ

विद्याभूषण की रचनाएँ

आधी रात को  आधी रात को शोर जब थक कर निढाल सोता है शहर का अजब हाल होता है। सड़कें सुनसान और गलियाँ वीरान हो… Read More »विद्याभूषण की रचनाएँ

विद्याभूषण ‘विभू’की रचनाएँ

घूम हाथी, झूम हाथी  हाथी झूम-झूम-झूम, हाथी घूम-घूम-घूम! राजा झूमें रानी झूमें, झूमें राजकुमार, घोड़े झूमें फौजें झूमें, झूमें सब दरबार! झूम झूम घूम हाथी,… Read More »विद्याभूषण ‘विभू’की रचनाएँ

विद्यापति ठाकुर की रचनाएँ

एत जप-तप हम की लागि कयलहु एत जप-तप हम की लागि कयलहु, कथि लय कयल नित दान। हमर धिया के इहो वर होयताह, आब नहिं… Read More »विद्यापति ठाकुर की रचनाएँ

विद्याधर द्विवेदी ‘विज्ञ’ की रचनाएँ

बहुत बड़ी हार है दर्द मैं जिला रहा मगर कहूँ कि दर्द ही सिंगार है बहुत बड़ी हार है। प्यार थके प्राणों की पीर नापने… Read More »विद्याधर द्विवेदी ‘विज्ञ’ की रचनाएँ

विद्या विन्दु सिंह की रचनाएँ

दर्द पलता रहा  दर्द पलता रहा चोट खाते रहे, पर अधर ये मेरे मुस्कराते रहे। मेरी कोशिश अंधेरों से लड़ने की थी, स्नेह भरकर दिये… Read More »विद्या विन्दु सिंह की रचनाएँ

विज्ञान व्रत की रचनाएँ

और सुनाओ कैसे हो तुम और सुनाओ कैसे हो तुम । अब तक पहले जैसे हो तुम । अच्‍छा अब ये तो बतलाओ कैसे अपने… Read More »विज्ञान व्रत की रचनाएँ

विजेन्द्र की रचनाएँ

एक प्रेम कविता  प्यार को भी देखता हूँइन्ही मासूम रंगों मेंतेज़, सुर्ख़, हल्के गुलाबीन हों, न हों, न होंधूप में तपे चेहरे की तरहदेखता हूँ… Read More »विजेन्द्र की रचनाएँ

विजेन्द्र अनिल की रचनाएँ

जरि गइल ख्‍वाब भाई जी रउरा सासन के ना बड़ुए जवाब भाईजी,रउरा कुरूसी से झरेला गुलाब भाई जी रउरा भोंभा लेके सगरे आवाज करींला,हमरा मुंहवा… Read More »विजेन्द्र अनिल की रचनाएँ