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विद्याधर द्विवेदी ‘विज्ञ’

विद्याधर द्विवेदी ‘विज्ञ’ की रचनाएँ

बहुत बड़ी हार है दर्द मैं जिला रहा मगर कहूँ कि दर्द ही सिंगार है बहुत बड़ी हार है। प्यार थके प्राणों की पीर नापने… Read More »विद्याधर द्विवेदी ‘विज्ञ’ की रचनाएँ