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सतीश शुक्ला ‘रक़ीब’ की रचनाएँ

वो जुदा हो के रह न पाया है वो जुदा हो के रह न पाया है रूठकर खुद मुझे मनाया है ज़िंदगी धूप में कटी… Read More »सतीश शुक्ला ‘रक़ीब’ की रचनाएँ

शिवदीन राम जोशी की रचनाएँ

न भूल सके इतने मो मन माहीं बसे मन मोहन,और बसी मन राधिका रानी, नन्द यशोमती कौन बिसारत, गुवालन की छबि नाहीं भुलानी | बृज… Read More »शिवदीन राम जोशी की रचनाएँ

शिवदीन राम जोशी की रचनाएँ

कोऊ विधि मोहन का बन जाऊं कोउ विधि मोहन का बन जाऊँ । मोहन मेरा मैं मोहन का, प्रेम से गुण नित गाऊँ । प्रेम… Read More »शिवदीन राम जोशी की रचनाएँ

सतीश बेदाग़ की रचनाएँ

थक गया है दिल यहाँ रह-रह के बरबस  थक गया है दिल यहाँ रह-रह के बरबस ढूँढने निकलेगा दुनिया फिर कोलंबस एक लेडी-साइकल और एक… Read More »सतीश बेदाग़ की रचनाएँ

सतीश चौबे की रचनाएँ

रोशन हाथों की दस्तकें प्राची की सांझ और पश्चिम की रात इनकी वय:संधि का जश्न है आज मज़ारों पर चिराग बालने वाले हाथ (जो शायद… Read More »सतीश चौबे की रचनाएँ

सज्जाद बाक़र रिज़वी की रचनाएँ

ग़ज़लें अपने जीने को क्या पूछो सुब्ह भी गोया रात रही  अपने जीने को क्या पूछो सुब्ह भी गोया रात रही तुम भी रूठे जग… Read More »सज्जाद बाक़र रिज़वी की रचनाएँ

‘सज्जन’ धर्मेन्द्र की रचनाएँ

ग़ज़लें महीनों तक तुम्हारे प्यार में इसको पकाया है महीनों तक तुम्हारे प्यार में इसको पकाया है। तभी जाके ग़ज़ल पर ये गुलाबी रंग आया… Read More »‘सज्जन’ धर्मेन्द्र की रचनाएँ

शिवदीन राम जोशी की रचनाएँ

कृष्ण सुदामा चरित्र  बन्दहुँ राम जो पूरण ब्रह्म है, वे ही त्रिलोकी के ईश कहावें। श्रीगुरु! राह कृपामय हो, हम पे नज़रें गुण को नित… Read More »शिवदीन राम जोशी की रचनाएँ

सजीव सारथी की रचनाएँ

मिलन हम मिलते रहे, रोज मिलते रहे, तुमने अपने चेहरे के दाग, पर्दों में छुपा रखे थे, मैंने भी सब जख्म अपने , बड़ी सफाई… Read More »सजीव सारथी की रचनाएँ

सच्चिदानंद प्रेमी की रचनाएँ

अपन साख अब कैसे बचतो?  अपन साख अब कैसे बचतो? गुरू सब दिन भर फिलिम देखतन- चेला बेच के घोड़ा सूते। चेलिन धरम सील मेटा… Read More »सच्चिदानंद प्रेमी की रचनाएँ