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बेकल उत्साही की रचनाएँ

ये दुनिया तुझसे मिलने का वसीला काट जाती है ये दुनिया तुझसे मिलने का वसीला काट जाती है ये बिल्ली जाने कब से मेरा रस्ता… Read More »बेकल उत्साही की रचनाएँ

बृजेश नीरज की रचनाएँ

ऐसा क्यों होता है ऐसा क्यों होता है रात का बुना सपना खो जाता है दिन के उजाले में दिन की देह से टपकी पसीने… Read More »बृजेश नीरज की रचनाएँ

बृजनारायण शर्मा की रचनाएँ

इस मौसम का सबसे इस मौसम का सबसे ठंडा दिन है आज, रात कटेगी कैसे चिन्ता यही लगी है, अगिहानों में आग नहीं, घाम भगी… Read More »बृजनारायण शर्मा की रचनाएँ

बृजनाथ श्रीवास्तव की रचनाएँ

योगक्षेम सुनो साधुजन सूखी नदियाँ फिर लहरायें कुछ जतन करें बडा दु:ख है हम सबको भी पशुओं और परिन्दों को भी मंदिर दुखी मँजीरे दुख… Read More »बृजनाथ श्रीवास्तव की रचनाएँ

बृज नारायण चकबस्त की रचनाएँ

रामायण का एक सीन / बृज नारायण चकबस्त / भाग १     रुखसत हुआ वो बाप से ले कर खुदा का नाम राह-ए-वफ़ा की… Read More »बृज नारायण चकबस्त की रचनाएँ

बुनियाद हुसैन ज़हीन की रचनाएँ

गमों से प्यार न करता तो और क्या करता गमों से प्यार न करता तो और क्या करता ये दिल फ़िगार न करता तो और… Read More »बुनियाद हुसैन ज़हीन की रचनाएँ

बुंदेला बाला की रचनाएँ

सावधान सावधान हे युवक उमगो, सावधानता रखना ख़ूब। युवा समय के महा मनोहर विषयों में मत जाना डूब॥ सर्वकाज करने के पहिले पूछो अपने दिल… Read More »बुंदेला बाला की रचनाएँ

बुद्धिलाल पाल की रचनाएँ

सफ़ेद रंग अक्सर एक पंछी हौले से उतर आता है मेरे कंधे पर और मैं सम्भावनाओं से घिर जाता हूँ चल रही हवाएँ बहुत तेज़… Read More »बुद्धिलाल पाल की रचनाएँ

बुद्धिनाथ मिश्र की रचनाएँ

चानन गाछ बनल छी चारू कात बसैए विषधर पोरे-पोर डसल छी एहि बिखाह जंगल मे हमही चानन गाछ बनल छी । खेत पथार धान उपटा… Read More »बुद्धिनाथ मिश्र की रचनाएँ

बीरेन्द्र कुमार महतो की रचनाएँ

यादें (अपने संघर्षशील पिता को याद करते हुए) बाबा तुम्हारी आवाज गुंजती है खेत-खलिहानों में लहलहाते खेतों में कलकल बहते नदी और झरनों में हर… Read More »बीरेन्द्र कुमार महतो की रचनाएँ