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Poetry

कुमार मंगलम की रचनाएँ

नदी कथा दिन ढ़लते शाम तट पर पानी में पैर डाले नदी किनारे रेत पर औंधा पड़ा है 2. नदी किनारे रेत के खूंटे में… Read More »कुमार मंगलम की रचनाएँ

कुमार प्रशांत की रचनाएँ

गंगा-1 (हमें आप्लावित कर दो!) सैकड़ों वृक्ष : जलती दोपहर : ठहरी नदी हरियाली के धब्बे समेटे धूसर-सा दिखाई देता वन! टहनियाँ बने हज़ारों हाथ प्रार्थनारत आकाश… Read More »कुमार प्रशांत की रचनाएँ

कुमार पाशी की रचनाएँ

रात! मेरे दिल में नाच रात–प्यारी रात-नाच चल रही है आज यादों की पवन–ऐ रात नाच आसमानों की बहन–ऐ रात नाच ऐ मेरी देरीना महबूबा,… Read More »कुमार पाशी की रचनाएँ

कुमार नयन की रचनाएँ

तारों भरी है रात ग़ज़ल कह रहा हूँ मैं तारों भरी है रात ग़ज़ल कह रहा हूँ मैं रौशन है कायनात ग़ज़ल कह रहा हूँ… Read More »कुमार नयन की रचनाएँ

कुमार कृष्ण की रचनाएँ

बड़े होते बच्चे  बार-बार सोचता हूँ- बच्चे याद करें अपना छोटा सा गाँव याद करें बचपन की शरारतें अपने मम्मी-पापा, दादा-दादी, नाना-नानी बच्चे करें याद-… Read More »कुमार कृष्ण की रचनाएँ

श्यामकुमार दास की रचनाएँ

मैं बन जाऊँ तितली इधर घूमती, उधर घूमती इक नन्ही-सी तितली, जाने किसको ढूँढ़ रही है इक नन्ही-सी तितली। कभी चली आती चौखट पर कभी… Read More »श्यामकुमार दास की रचनाएँ

श्याम सुशील की रचनाएँ

दुख ज़मीन है दुख ज़मीन है एक बीज-सा जिसमें कुनमुनाता है सुख लहर है दुख अनंत सागर की एक मछली-सा जिसमें डूबता-उतराता है जीवन अंधेरे… Read More »श्याम सुशील की रचनाएँ

कुमार अनुपम की रचनाएँ

डर  अचानक एक दिन हुआ ऐसा कि बुद्धू मास्टर का नाम लतीफ मियाँ में तब्दील हुआ उनके सिले कपड़ों से निकलकर आशंका की चोर-सूइयाँ चुभने… Read More »कुमार अनुपम की रचनाएँ

श्याम सुन्दर नंदा नूर की रचनाएँ

बड़े अदब से जो उसने सलाम भेजा है बड़े अदब से जो उसने सलाम भेजा है। ये लग रहा है महब्बत का जाम भेजा है।… Read More »श्याम सुन्दर नंदा नूर की रचनाएँ