विनय प्रजापति ‘नज़र’ की रचनाएँ
ग़ज़लें उसने हमसे कभी वफ़ा न की रचना काल: 2004उसने हमसे कभी वफ़ा न कीऔर हमने भी तमन्ना न की बहुत बोलते हैं सब ने… Read More »विनय प्रजापति ‘नज़र’ की रचनाएँ
ग़ज़लें उसने हमसे कभी वफ़ा न की रचना काल: 2004उसने हमसे कभी वफ़ा न कीऔर हमने भी तमन्ना न की बहुत बोलते हैं सब ने… Read More »विनय प्रजापति ‘नज़र’ की रचनाएँ
मेरा गाँव भी सीख जाएगा मेरे गाँव में भी अब पहुँचने लगे हैं अफ़सर और रहने लगे हैं मेरा गाँव भी अब सीख जाएगा किसी… Read More »विनय दुबे की रचनाएँ
मैंने मार्क्स को नहीं पढ़ा कात्यायनी के लिए जो कहती हैं कि आलोकधन्वा ने मार्क्सवाद ठीक से नहीं पढ़ा मैंने मार्क्स को नहीं पढ़ा नहीं… Read More »विनय कुमार की रचनाएँ
मुझको तेरी अस्ति छू गई मुझको तेरी अस्ति छू गई है अब न भार से विथकित होती हूँ अब न ताप से विगलित होती हूँ… Read More »विद्यावती कोकिल की रचनाएँ
आधी रात को आधी रात को शोर जब थक कर निढाल सोता है शहर का अजब हाल होता है। सड़कें सुनसान और गलियाँ वीरान हो… Read More »विद्याभूषण की रचनाएँ
घूम हाथी, झूम हाथी हाथी झूम-झूम-झूम, हाथी घूम-घूम-घूम! राजा झूमें रानी झूमें, झूमें राजकुमार, घोड़े झूमें फौजें झूमें, झूमें सब दरबार! झूम झूम घूम हाथी,… Read More »विद्याभूषण ‘विभू’की रचनाएँ
एत जप-तप हम की लागि कयलहु एत जप-तप हम की लागि कयलहु, कथि लय कयल नित दान। हमर धिया के इहो वर होयताह, आब नहिं… Read More »विद्यापति ठाकुर की रचनाएँ
बहुत बड़ी हार है दर्द मैं जिला रहा मगर कहूँ कि दर्द ही सिंगार है बहुत बड़ी हार है। प्यार थके प्राणों की पीर नापने… Read More »विद्याधर द्विवेदी ‘विज्ञ’ की रचनाएँ
दर्द पलता रहा दर्द पलता रहा चोट खाते रहे, पर अधर ये मेरे मुस्कराते रहे। मेरी कोशिश अंधेरों से लड़ने की थी, स्नेह भरकर दिये… Read More »विद्या विन्दु सिंह की रचनाएँ
और सुनाओ कैसे हो तुम और सुनाओ कैसे हो तुम । अब तक पहले जैसे हो तुम । अच्छा अब ये तो बतलाओ कैसे अपने… Read More »विज्ञान व्रत की रचनाएँ