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आधुनिक काल

कैलाश वाजपेयी की रचनाएँ

ऐसा कुछ भी नहीं  ऐसा कुछ भी नहीं जिंदगी में कि हर जानेवाली अर्थी पर रोया जाए | काँटों बीच उगी डाली पर कल जागी… Read More »कैलाश वाजपेयी की रचनाएँ

वसुधा कनुप्रिया की रचनाएँ

बेदाग़ चाँद तुम कहते थे मुझे चाँद, बेदाग़ चाँद पहलू में रखते थे सजा, छिपा हरदम फिर एक दिन चाँद को चुरा सरेराह कर दिया… Read More »वसुधा कनुप्रिया की रचनाएँ

कुलदीप कुमार की रचनाएँ

वह चेहरा  आज फिर दिखीं वे आँखें किसी और माथे के नीचे वैसी ही गहरी काली उदास फिर कहीं दिखे वे सांवले होंठ अपनी ख़ामोशी… Read More »कुलदीप कुमार की रचनाएँ

कैलाश मनहर की रचनाएँ

गुलाब गुलाब को नहीं जानते आप और वह भी आपको नहीं जानता और सच्चाई तो यह है कि मैं भी पूरी तरह नहीं जानता गुलाब… Read More »कैलाश मनहर की रचनाएँ

कैलाश पण्डा की रचनाएँ

मंगलाचरण  ओ ध्वनि के जीवन धन तुम ही हो औंकार अनुभूति के संवाहक हो अंकनी के सृजनहार भावों को साकार करो ओ शब्द करो निर्माण।… Read More »कैलाश पण्डा की रचनाएँ

वसु मालवीय की रचनाएँ

प्यारी नानी मम्मी की भी मम्मी हैये अपनी प्यारी नानी, दुलरा देती जब हम करते- हैं कोई शैतानी। नहीं मारती, नहीं डाँटती बिल्कुल सीधी सादी,… Read More »वसु मालवीय की रचनाएँ

वसीम बरेलवी की रचनाएँ

मुहब्बतों के दिनों की यही ख़राबी है तुम्हारी राह में मिट्टी के घर नहीं आते इसीलिए तो तुम्हें हम नज़र नहीं आते मुहब्बतों के दिनों… Read More »वसीम बरेलवी की रचनाएँ

वसी शाह की रचनाएँ

आँखों में चुभ गईं तिरी यादों की किर्चियाँ  आँखों में चुभ गईं तिरी यादों की किर्चियाँ काँधों पे ग़म की शाल है और चाँद रात… Read More »वसी शाह की रचनाएँ

वसंत त्रिपाठी की रचनाएँ

सेल्फ़ पोर्ट्रेट यह जो कटा-फटा-सा कच्चा-कच्चा और मासूम चेहरा है उसे ज़माने की भट्ठी ने ख़ूब-ख़ूब तपाया है केवल आरामशीन नहीं चली लेकिन हड्डियों और… Read More »वसंत त्रिपाठी की रचनाएँ

वशिष्ठ अनूप की रचनाएँ

जो भूखा है जो भूखा है छीन झपटकर खाएगा कब तक कोई सहमेगा शरमाएगा अपनी भाषा घी शक्कर सी होती है घैर की भाषा बोलेगा… Read More »वशिष्ठ अनूप की रचनाएँ