महेन्द्र भटनागर की रचनाएँ
वेदना ओढ़े कहाँ जाएँ वेदना ओढ़े कहाँ जाएँ! उठ रहीं लहरें अभोगे दर्द की! कैसे सहज बन मुस्कुराएँ!! रुँधा है कंठ कैसे गीत में उल्लास… Read More »महेन्द्र भटनागर की रचनाएँ
वेदना ओढ़े कहाँ जाएँ वेदना ओढ़े कहाँ जाएँ! उठ रहीं लहरें अभोगे दर्द की! कैसे सहज बन मुस्कुराएँ!! रुँधा है कंठ कैसे गीत में उल्लास… Read More »महेन्द्र भटनागर की रचनाएँ
क़ामयाबी ‘हम होंगे क़ामयाब एक दिन’ यह ’एक दिन’ आशा के आकाश में टंगा वह छलावा है जिससे ठगे जा रहे हैं हम हर बार,… Read More »महेन्द्र गगन की रचनाएँ
ज़हर न जाने क्या-क्या हो रहा है इक्कीसवीं सदी में अप्रत्याशित, अकल्पित और अद्भुत्त मगर कुछ लोग हैं जो इक्कीसवीं सदी में सिर्फ़ ज़हर बोने… Read More »महेंद्र नेह की रचनाएँ
गम नहीं, गम नहीं, गम नहीं… गम नहीं, गम नहीं, गम नहीं ग़मज़दा आपसे , कम नहीं लफ़्ज़ बेशक बहुत शोख है आपकी बात में… Read More »महेंद्र अग्रवाल की रचनाएँ
गुम हुआ शहर गुम हुआ शहर हूं मैं लौटा दो मुझे ढूंढ़कर। मुझी को लौटा दो किसी तरह। चले गए हैं वे लोग। जो हर… Read More »महावीर सरवर की रचनाएँ
ज़िन्दगी में प्यार का वादा निभाया ही कहाँ है ज़िन्दगी में प्यार का वादा निभाया ही कहाँ है नाम लेकर प्यार से मुझ को बुलाया… Read More »महावीर शर्मा की रचनाएँ
साबरमती का संत देखी निज भारत की भारी दयनीय दशा, मर्म पे अचानक अचूक लगा नेज़ा था। प्यारी मातृभूमि को निहारा परतंत्र जब, दारूण व्यथा… Read More »महावीर प्रसाद ‘मधुप’की रचनाएँ
कोकिल कोकिल अति सुंदर चिड़िया है, सच कहते हैं, अति बढ़िया है। जिस रंगत के कुँवर कन्हाई, उसने भी वह रंगत पाई। बौरों की सुगंध… Read More »महावीर प्रसाद द्विवेदी की रचनाएँ
पाँव पाँव थककर भी चलना नहीं छोड़ते जब तक वे गंतव्य तक न पहुँच जाएँ… थक जाने पर कुछ देर राह में विश्राम कर पुन:… Read More »महावीर उत्तरांचली की रचनाएँ
अधूरी आज़ादी… आज़ादी है अभी अधूरी पाए न जनता रोटी पूरी तंत्र लोक से दूर हुआ है अवमूल्यन भरपूर हुआ है आज देश टुकड़ों में… Read More »महाराज सिंह परिहार की रचनाएँ