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कालीदास की रचनाएँ

रति रैन विषै जे रहे हैँ पति सनमुख रति रैन विषै जे रहे हैँ पति सनमुख, तिन्हैँ बकसीस बकसी है मैँ बिहँसि कै। करन को… Read More »कालीदास की रचनाएँ

कामी शाह की रचनाएँ

अगर कार-ए-मोहब्बत में मोहब्बत रास आ जाती  अगर कार-ए-मोहब्बत में मोहब्बत रास आ जाती तुम्हारा हिज्र अच्छा था जो वसलत रास आ जाती गला फाड़ा… Read More »कामी शाह की रचनाएँ

कामिल बहज़ादी की रचनाएँ

आकाश की हसीन फ़ज़ाओं में खो गया आकाश की हसीन फ़ज़ाओं में खो गया मैं इस क़दर उड़ा की ख़लाओं में खो गया कतरा रहे… Read More »कामिल बहज़ादी की रचनाएँ

शैलेंद्र चतुर्वेदी की रचनाएँ

चरखे़ की प्रतिज्ञा  मेरे चरख़े का टूटे न तार, हरदम चलाता रहूं। भारत के संकट पे तन-मन लगा दूं, प्राणों को कर दूं न्यौछार, खद्दर… Read More »शैलेंद्र चतुर्वेदी की रचनाएँ

कामिनी कौशल की रचनाएँ

रंग-रंग का खाना  आज रात बिस्तर में लेटे सोचा मैंने ध्यान लगाकर, कितने रंग की चीजें खाईं मैंने दिन भर मँगा-मँगाकर। श्वेत रंग का दूध… Read More »कामिनी कौशल की रचनाएँ

शैलेन्द्र की रचनाएँ

जिस ओर करो संकेत मात्र  जिस ओर करो संकेत मात्र, उड़ चले विहग मेरे मन का, जिस ओर बहाओ तुम स्वामी,बह चले श्रोत इस जीवन… Read More »शैलेन्द्र की रचनाएँ

कामताप्रसाद ‘गुरु’ की रचनाएँ

छड़ी हमारी  यह सुंदर छड़ी हमारी, है हमें बहुत ही प्यारी। यह खेल समय हर्षाती, मन में है साहस लाती, तन में अति जोर जगाती,… Read More »कामताप्रसाद ‘गुरु’ की रचनाएँ

‘क़ाबिल’ अजमेरी की रचनाएँ

तुम्हें जो मेरे गम-ए-दिल से आगाही हो जाए तुम्हें जो मेरे गम-ए-दिल से आगाही हो जाए जिगर में फूल खिलें आँख शबनमी हो जा अजला… Read More »‘क़ाबिल’ अजमेरी की रचनाएँ

कात्यायनी की रचनाएँ

सात भाइयों के बीच चम्पा सात भाइयों के बीच चम्पा सयानी हुई। बाँस की टहनी-सी लचक वाली बाप की छाती पर साँप-सी लोटती सपनों में… Read More »कात्यायनी की रचनाएँ

क़ाज़ी सलीम की रचनाएँ

टूरिस्ट  हमारे पास कुछ नहीं जाओ अब हमारे पास कुछ नहीं बीते सत-जगों की सर्द राख में इक शरार भी नहीं दाग़ दाग़ ज़िंदगी पे… Read More »क़ाज़ी सलीम की रचनाएँ