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शाहीन अब्बास की रचनाएँ

अब ऐसे चाक पर कूज़ा-गरी होती नहीं थी अब ऐसे चाक पर कूज़ा-गरी होती नहीं थी कभी होती थी मिट्टी और कभी होती नहीं थी… Read More »शाहीन अब्बास की रचनाएँ

शाहिदा हसन की रचनाएँ

ठहरा है करीब-ए-जान आ कर  ठहरा है करीब-ए-जान आ कर जाने का नहीं ये ध्यान आ कर आईना लिया तो तेरी सूरत हँसने लगी दरमियान… Read More »शाहिदा हसन की रचनाएँ

शाहिद मीर की रचनाएँ

ऐ ख़ुदा रेत के सहरा को समंदर कर दे  ऐ ख़ुदा रेत के सहरा को समंदर कर दे या छलकती हुई आँखों को भी पत्थर… Read More »शाहिद मीर की रचनाएँ

संध्या पेडणेकर की रचनाएँ

रिश्ते स्नेह नहीं शुष्क काम है लपलप वासना है क्षणभंगुर क्षण के बाद रीतनेवाली मतलब से जीतनेवाली रिश्तेदारी है खाली घड़े हैं अनंत पड़े हैं… Read More »संध्या पेडणेकर की रचनाएँ

शाहिद मिर्ज़ा शाहिद की रचनाएँ

जो ग़ज़लें मंसूब हैं तुमसे उनको फिर दोहराना है जो ग़ज़लें मंसूब हैं तुमसे उनको फिर दोहराना है रूठे हुए गीतों की ख़ातिर तुमको लौट… Read More »शाहिद मिर्ज़ा शाहिद की रचनाएँ

संध्या नवोदिता की रचनाएँ

औरतें-1 कहाँ हैं औरतें ? ज़िन्दगी को रेशा-रेशा उधेड़ती वक़्त की चमकीली सलाइयों में अपने ख़्वाबों के फंदे डालती घायल उँगलियों को तेज़ी से चला रही… Read More »संध्या नवोदिता की रचनाएँ

संध्या गुप्ता की रचनाएँ

अधूरा मकान-1  उस रास्ते से गुज़रते हुए अक्सर दिखाई दे जाता था वर्षों से अधूरा बना पड़ा वह मकान वह अधूरा था और बिरादरी से… Read More »संध्या गुप्ता की रचनाएँ

शाहिद माहुली की रचनाएँ

हाशिये पर कुछ हक़ीक़त कुछ फ़साना ख़्वाब का हाशिये[1] पर कुछ हक़ीक़त कुछ फ़साना ख़्वाब का एक अधूरा-सा है ख़ाका[2] ज़िंदगी के बाब का रंग सब धुँधला… Read More »शाहिद माहुली की रचनाएँ

शाहिद कबीर की रचनाएँ

आज हम बिछड़े हैं तो कितने रंगीले हो गए आज हम बिछड़े हैं तो कितने रंगीले हो गए मेरी आंखें सुर्ख़ तेरे हाथ पीले हो… Read More »शाहिद कबीर की रचनाएँ

संदीप ‘सरस’ की रचनाएँ

गीत  शारदे लेखनी में समा जाइए शारदे लेखनी में समा जाइए, मेरे गीतों की गरिमा सँवर जायेगी। प्रेरणा आप हो अर्चना आप हो, मेरे मन… Read More »संदीप ‘सरस’ की रचनाएँ