हृदयेश की रचनाएँ
मन बहुत है आज तपती रेत पर कुछ छंद लहरों के लिखें हम समय के अतिरेक को हम साथ ले अपने स्वरों में मन बहुत… Read More »हृदयेश की रचनाएँ
मन बहुत है आज तपती रेत पर कुछ छंद लहरों के लिखें हम समय के अतिरेक को हम साथ ले अपने स्वरों में मन बहुत… Read More »हृदयेश की रचनाएँ
कर्त्तव्य अभी तू यहीं कहीं थी – पास में और लुटा रही थी अपने नीले गले से रस माधुरी। मैं सावधान सिपाही चौकस संगीन ताने… Read More »हरे राम सिंह की रचनाएँ
तिनका बयारि के बस तिनका बयारि के बस। ज्यौं भावै त्यौं उडाइ लै जाइ आपने रस॥ ब्रह्मलोक सिवलोक और लोक अस। कह ‘हरिदास बिचारि देख्यो,… Read More »हरिदास की रचनाएँ
दोपहरी गरमी की दोपहरी में तपे हुए नभ के नीचे काली सड़कें तारकोल की अँगारे-सी जली पड़ी थीं छाँह जली थी पेड़ों की भी पत्ते… Read More »शकुन्त माथुर की रचनाएँ
जा, सपनों से खेलना निंदिया की गोदी में सो जा मेरे लालना! सूरज भी सो गया पेड़ सभी सो गए, पत्तों की गोदी में, फूल… Read More »शकुंतला सिरोठिया की रचनाएँ
सो जा कान्हा श्याम सलोना सो जा कान्हा, श्याम सलोना।कोमल-कोमल लोना-लोना,नटखट, चंचल ज्यों मृगछौना।सो जा कान्हा, श्याम सलोना।चंदन पलना नरम बिछौना,चमके जैसे चांदी-सोना।सो जा कान्हा,… Read More »शकुंतला कालरा की रचनाएँ
दस्त-ए-क़ातिल में ये शमशीर कहाँ से आई दस्त-ए-क़ातिल में ये शमशीर कहाँ से आई नाज़ करती मिरी तक़दीर कहाँ से आई चाँदनी सीने में उतरी… Read More »शकीला बानो की रचनाएँ
सुब्ह का अफ़साना कहकर शाम से सुब्ह का अफ़साना कहकर शाम से खेलता हूं गर्दिशे-आय्याम[1]से उनकी याद उनकी तमन्ना, उनका ग़म कट रही है ज़िन्दगी… Read More »शकील बदायूँनी की रचनाएँ
अगर हमारे ही दिल मे ठिकाना चाहिए था अगर हमारे ही दिल मे ठिकाना चाहिए था तो फिर तुझे ज़रा पहले बताना चाहिए था चलो… Read More »शकील जमाली की रचनाएँ
बात से बात की गहराई चली जाती है बात से बात की गहराई चली जाती है झूठ आ जाए तो सच्चाई चली जाती है रात… Read More »शकील आज़मी की रचनाएँ