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केदारनाथ पाण्डेय की रचनाएँ

मोती बरसा जाता रिमझिम रिमझिम गगन मगन हो मोती बरसा जाता । शतदल के दल दल पर ढलकर नयन नयन के तल में पलकर बरस-… Read More »केदारनाथ पाण्डेय की रचनाएँ

केदारनाथ कोमल की रचनाएँ

झूम-झूम झूला झूम-झूम झूला झूमता है झूला! घूम-घूम घूमता घूमता है झूला! घोड़ो, चीता, शेर लगा रहे हैं टेर, आओ, जल्दी आओ बड़ी हो गई… Read More »केदारनाथ कोमल की रचनाएँ

केदारनाथ अग्रवाल की रचनाएँ

जो जीवन की धूल चाट कर बड़ा हुआ है  जो जीवन की धूल चाट कर बड़ा हुआ है तूफ़ानों से लड़ा और फिर खड़ा हुआ… Read More »केदारनाथ अग्रवाल की रचनाएँ

कृष्णा वर्मा की रचनाएँ

सुनो बिटिया समझ लो एक बात बिटिया यह जो जीवन है निरा नाटक है खो मत जाना इसकी चमक में और न ही फिसलना किसी… Read More »कृष्णा वर्मा की रचनाएँ

कृष्णमोहन झा की रचनाएँ

हिजड़े-1  कहना मुश्किल है कि वे कहाँ से आते हैं खुद जिन्होंने उन्हें पैदा किया ठीक से वे भी नहीं जानते उनके बारे में ज़्यादा… Read More »कृष्णमोहन झा की रचनाएँ

कृष्णबल्लभ पौराणिक की रचनाएँ

कद्दू की पुकार  बंदर इक कद्दू को लाया उसे सड़क पर था दौड़ाया, अंदर से पोला था कद्दू जोर-शोर से वह चिल्लाया। बंदर ने मुझको… Read More »कृष्णबल्लभ पौराणिक की रचनाएँ

कृष्णकांत तैलंग की रचनाएँ

छुट्टी के दिन  ताक धिना-धिन, ताक धिना-धिन! मोटे बस्ते से कुट्टी है, छुट्टी है, भाई छुट्टी है, शाला के दिन कटते गिन-गिन! खेलें-कूदें, मौज मनाएँ,… Read More »कृष्णकांत तैलंग की रचनाएँ

कृष्ण शलभ की रचनाएँ

हाइकु जिओगे कैसे यदि मर ही गया तुम्हारा मन । पुकारा तुम्हें तो आवाज़ ही लौटी तुम न आये । सरसों खिली बही पीली नदी-सी… Read More »कृष्ण शलभ की रचनाएँ

कृष्ण मुरारी पहारिया की रचनाएँ

अपना अहंकार तुम गाते रहे रात भर  अपना अहंकार तुम गाते रहे रात भर अब प्रभात में मुझको भी कुछ कह लेने दो मैंने ही… Read More »कृष्ण मुरारी पहारिया की रचनाएँ