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October 2020

कविता मालवीय की रचनाएँ

कर्मयोग  आत्मसाक्षात्कार की लड़ाई है- इन्द्रिय भोग से निर्वृति! सारे द्वंदों से मुक्ति! राग और क्रोध से विरक्ति! इच्छाओं की तुष्टि में सख्ती! सिर्फ एक… Read More »कविता मालवीय की रचनाएँ

कविता भट्ट की रचनाएँ

आज ये मन आज ये आँखें देखती रही राह तुम्हारी पलकें मूँदकर डूबी रही सपनों में तुम्हारे आज मेरे ये कान तरस गए आहट तुम्हारी… Read More »कविता भट्ट की रचनाएँ

कविता पनिया की रचनाएँ

नींव  नींव की कोई ज़मीन नहीं होती जहाँ से काम शुरू किया जाता है उसे नींव का नाम दिया जाता है नींव की वह पहली… Read More »कविता पनिया की रचनाएँ

कविता गौड़ की रचनाएँ

सोच  सोच टूटे दरख़्त टूटे घर टूटे रिश्ते बड़े होटल बड़े काम्पलेकस बड़े देश बड़ी लालसा बड़ी रिश्वत बड़ी शत्रुता बड़ा काण्ड बडा स्वार्थ बड़ा… Read More »कविता गौड़ की रचनाएँ

कविता “किरण” की रचनाएँ

है समंदर को सफीना कर लिया  है समंदर को सफ़ीना कर लिया हमने यूँ आसान जीना कर लिया अब नहीं है दूर मंजिल सोचकर साफ़… Read More »कविता “किरण” की रचनाएँ

कल्याण कुमार जैन ‘शशि’ की रचनाएँ

मेरी गुड़िया  मेरी गुड़िया बड़ी सयानी, पढ़कर आई है हल्द्वानी। सूरत से लगती सेठानी, दिनभर सुनती नई कहानी। उसके पीले हाथ करूँगी, अब उसकी शादी… Read More »कल्याण कुमार जैन ‘शशि’ की रचनाएँ

कल्पना ‘मनोरमा’ की रचनाएँ

चिन्मय भोर ढूंढ लायें क्यारियों से एक चिन्मय भोर फिर बाँटें उजाले। चिमनियों ने छितिज से शबनम चुराई रात रोई बुलबुलों ने कंठ मे सरगम… Read More »कल्पना ‘मनोरमा’ की रचनाएँ

कलीम आजिज़ की रचनाएँ

दिन एक सितम, एक सितम रात करो हो  दिन एक सितम, एक सितम रात करो हो । वो दोस्त हो, दुश्मन को भी जो मात… Read More »कलीम आजिज़ की रचनाएँ

कल्पना सिंह-चिटनिस की रचनाएँ

मेरा शहर  एक सुलगते शहर की लम्बी संकरी गलियां अपनी वही पुरानी बास समोये जिसमे परिवर्तन की चेतना इस कम्प्यूटर और जेट युग में भी… Read More »कल्पना सिंह-चिटनिस की रचनाएँ