किशोर कुमार खोरेन्द्र की रचनाएँ
एक नन्ही चिड़िया यह कैसा है महावृत्त जो है अपरिमित जिसमें व्यास है न त्रिज्या उसे छूना जितना चाहूँ उसकी परिधि भी लगती है तब… Read More »किशोर कुमार खोरेन्द्र की रचनाएँ
एक नन्ही चिड़िया यह कैसा है महावृत्त जो है अपरिमित जिसमें व्यास है न त्रिज्या उसे छूना जितना चाहूँ उसकी परिधि भी लगती है तब… Read More »किशोर कुमार खोरेन्द्र की रचनाएँ
तुम्हे लगता है तुम्हे लगता है बड़े सवेरे चिड़िया गीत गाकर शायद खुश हो रही है तुम्हे क्या पता वह इस बहाने अपना कोई दुखड़ा… Read More »किशोर काबरा की रचनाएँ
पलक झपकता गया कठीने ? औस तणा नैनाकिया मोती, पसरयोडा हा इतरी ताळ! पलक झपकाता गया कठीने, करूँ औस री ढूंढा-भाळ? आभै तणी कूख सूं… Read More »किशोर कल्पनाकांत की रचनाएँ
गीत कवि की व्यथा १ ओ लेखनी विश्राम कर अब और यात्रायें नहीं मंगल कलश पर काव्य के अब शब्द के स्वस्तिक न रच अक्षम… Read More »किशन सरोज की रचनाएँ
बूढा बरगद का पेड़ बोला मेरी ही टहनियों को काटकर छाँव की तलाश में भटक रहे लोग कराहते हुए कहीं यहीं पर जैसे बूढा बरगद… Read More »किशन कारीगर की रचनाएँ
मेरा बचपन जहाँ खेतो में उगते है गीत साँझा चूल्हे में पकते है गीत वही कहीं किसी गीत के साथ देखना पेड़ पर पहन कर… Read More »किरण मिश्रा की रचनाएँ
विविधता पौधों की तरह लोगों की भी कई किस्में हैं कई नस्लें हैं कुछ लोग गुलाब की तरह सदा मुस्कुराते हुए कुछ रजनीगंधा की तरह… Read More »किरण मल्होत्रा की रचनाएँ
रोबोट और एक दिन नींद खुलेगी हमारी और हम पाएँगे कि आसमान नहीं है हमारे सिर के ऊपर कि प्रयोगशालाओं के भीतर से निकलता है… Read More »किरण अग्रवाल की रचनाएँ
रति रैन विषै जे रहे हैँ पति सनमुख रति रैन विषै जे रहे हैँ पति सनमुख, तिन्हैँ बकसीस बकसी है मैँ बिहँसि कै। करन को… Read More »कालीदास की रचनाएँ
अगर कार-ए-मोहब्बत में मोहब्बत रास आ जाती अगर कार-ए-मोहब्बत में मोहब्बत रास आ जाती तुम्हारा हिज्र अच्छा था जो वसलत रास आ जाती गला फाड़ा… Read More »कामी शाह की रचनाएँ