कुमार अनुपम की रचनाएँ
डर अचानक एक दिन हुआ ऐसा कि बुद्धू मास्टर का नाम लतीफ मियाँ में तब्दील हुआ उनके सिले कपड़ों से निकलकर आशंका की चोर-सूइयाँ चुभने… Read More »कुमार अनुपम की रचनाएँ
डर अचानक एक दिन हुआ ऐसा कि बुद्धू मास्टर का नाम लतीफ मियाँ में तब्दील हुआ उनके सिले कपड़ों से निकलकर आशंका की चोर-सूइयाँ चुभने… Read More »कुमार अनुपम की रचनाएँ
बड़े अदब से जो उसने सलाम भेजा है बड़े अदब से जो उसने सलाम भेजा है। ये लग रहा है महब्बत का जाम भेजा है।… Read More »श्याम सुन्दर नंदा नूर की रचनाएँ
और कब तक चुप रहें (ग़ज़ल) ज़ुल्म है अब हद से बाहर, और कब तक चुप रहें सामने है ख़ूनी मंज़र , और कब तक… Read More »कुमार अनिल की रचनाएँ
गुफ़ा शुरू होता है यहाँ से भय और अँधेरा भय और अँधेरे को भेदने की इच्छा भी शुरू होती है यहीं से। (1987 में रचित)… Read More »कुमार अंबुज की रचनाएँ
आज हमारी छुट्टी है रविवार का प्यारा दिन है, आज हमारी छुट्टी है । उठ जायेंगे क्या जल्दी है, नींद तो पूरी करने दो ।… Read More »श्याम सुन्दर अग्रवाल की रचनाएँ
कंथा-मणि (कविता) उस दिन संध्या को दृष्टि अभिसार द्वारा मैंने पहचाना तुम्हें पुनः पुनः मैंने पुकारा तुम्हें मन ही मन बार बार! अपनी ही सांत्वना… Read More »कुबेरनाथ राय की रचनाएँ
देह का सिंहनाद यह मेरा अपमानित, तिरस्कृत शव… शव भी कहाँ- जली हडडियों की केस प्रापर्टी, मुर्दाघर में अधिक-अधिक मुर्दा होती… चिकित्सा विज्ञान के शीर्ष… Read More »कुबेरदत्त की रचनाएँ
बांध ले बिस्तर, फ़िरंगी बांध ले बिस्तर, फ़िरंगी, राज अब जाने को है, जुल्म काफ़ी कर चुके, पब्लिक बिगड़ जाने को है। गोलियां तो खा… Read More »कुंवर प्रतापचंद्र ‘आज़ाद’ की रचनाएँ
माध्यम वस्तु और वस्तु के बीच भाषा है जो हमें अलग करती है, मेरे और तुम्हारे बीच एक मौन है जो किसी अखंडता में हमको… Read More »कुंवर नारायण की रचनाएँ
आँखी मा हमर धुर्रा झोंक दिये आँखी मा हमर धुर्रा झोंक दिये, मुड़ी मा थोप दिये मोहनी । अरे बैरी जानेन तोला हितवा , गंवायेन… Read More »कुंजबिहारी चौबे की रचनाएँ