‘हफ़ीज़’ जालंधरी की रचनाएँ
ग़ज़लें आ ही गया वो मुझ को लहद में उतारने आ ही गया वो मुझ को लहद में उतारने ग़फ़लत ज़रा न की मिरे ग़फ़लत-शेआर… Read More »‘हफ़ीज़’ जालंधरी की रचनाएँ
ग़ज़लें आ ही गया वो मुझ को लहद में उतारने आ ही गया वो मुझ को लहद में उतारने ग़फ़लत ज़रा न की मिरे ग़फ़लत-शेआर… Read More »‘हफ़ीज़’ जालंधरी की रचनाएँ
आश्ना कब हो है ये ज़िक्र दिल-ए-शाद के साथ आश्ना कब हो है ये ज़िक्र दिल-ए-शाद के साथ लब को निस्बत है मिर ज़मज़म-ए-दाद के… Read More »‘हसरत’ अज़ीमाबादी की रचनाएँ
दोहा / भाग 1 जयति कंस-करि-केहरी, मधु-रिपु केशी-काल। कालिय-मद-मर्दन हरे, केशव कृष्ण कृपाल।।1।। आदि मध्य अबसान हूँ, जा में उदित उछाह। सुरस वीर इकरस सदा,… Read More »हरिप्रसाद द्विवेदी की रचनाएँ
समुंदर बचपन में बादल था बाल कबीले का लोकगीत (बच्चे जो अभी भाषा नहीं जानते, ध्वनि से हुलसते हैं, उनके लिये) टुईयाँ गुईयाँ ढेम्पूलाकी चुईयाँ… Read More »हेमन्त देवलेकर की रचनाएँ
ग़ज़लें ग़म से बिखरा न पैमाल हुआ ग़म से बिखरा न पैमाल हुआ मैं तो ग़म से ही बे-मिसाल हुआ वक़्त गुज़रा तो मौजा-ए-गुल था… Read More »हसन ‘नईम’ की रचनाएँ
संस्कृति एक दिन/अचानक पान की गिलौरी मुंह में दबाए/धोती-कुरते में मूर्तिमान हो उठी/भारतीय संस्कृति मैंने उसे सामने से देखा लेकिन- लेकिन हाय! मुझे उसकी पीठ… Read More »हरिपाल त्यागी की रचनाएँ
उनकी पराजय वे खुश हैं कि समाजवाद पराजित हो रहा है मैं खुश हूँ कि आदमी में अभी लड़ने का हौसला बाक़ी है वे कहते… Read More »हेमन्त जोशी की रचनाएँ
दिल की दहलीज़ पे जब शाम का साया उतरा दिल की दहलीज़ पे जब शाम का साया उतरा उफ़ुक़-ए-दर्द से सीने में उजाला उतरा रात… Read More »हसन आबिदी की रचनाएँ
अच्छी तरह ज़रा मुझे पहचान ज़िंदगी अच्छी तरह ज़रा मुझे पहचान ज़िंदगी इंसान हूँ मैं हज़रते -इन्सान ज़िंदगी। पहने हुए है रेशमो -कमख़्वाब का क़फ़न… Read More »हफ़ीज़ मेरठी की रचनाएँ
चाँद पर नाव आँख देखने के लिए नज़र चाहिए ठीक हो दूर और पास की तो कहना ही क्या बाज़ार को दूर से देखने पर… Read More »हेमन्त कुकरेती की रचनाएँ