हरिराम मीणा की रचनाएँ
. रसूल हमजातोव 1. कविता आग है इस आग में अंगारों के ऊपर मशाल की लौ है लौ से बढ़कर उसकी रोशनी बाहरी अन्धकार को… Read More »हरिराम मीणा की रचनाएँ
. रसूल हमजातोव 1. कविता आग है इस आग में अंगारों के ऊपर मशाल की लौ है लौ से बढ़कर उसकी रोशनी बाहरी अन्धकार को… Read More »हरिराम मीणा की रचनाएँ
मानवता का दर्द लिखेंगे, माटी की बू-बास लिखेंगे मानवता का दर्द लिखेंगे, माटी की बू-बास लिखेंगे । हम अपने इस कालखण्ड का एक नया इतिहास… Read More »अदम गोंडवी की रचनाएँ
ग़ज़लें इस शहर-ए-खराबी में इस शहर-ए-खराबी में गम-ए-इश्क के मारे ज़िंदा हैं यही बात बड़ी बात है प्यारे ये हंसता हुआ लिखना ये पुरनूर सितारे… Read More »हबीब अहमद की रचनाएँ
अन्तिम प्रार्थना चाँद — दफ़ा हो जाओ हवा — मुझ तक सुगन्ध न लाओ खिड़कियो — बन्द हो जाओ दीवालो — और निकट आओ छत… Read More »अदनान कफ़ील दरवेश की रचनाएँ
यह रोटी नहीं यह रोटी नहीं रथ का टूटा पहिया है जिसे लेकर अकेला अभिमन्यु चक्रव्यूह में घुस पड़ा है लेकिन यह एक वक़्त की… Read More »अतुल कुमार मित्तल की रचनाएँ
हा ! आज आज माता-पिता की शादी की सत्तावनवीं वर्षगाँठ थी और मैं बचता रहा माँ को बधाई देने से बधाई देना तो दूर की… Read More »अतुल कनक की रचनाएँ
फागुन आया रे फागुन आया रे गलियों गलियों र।ग गुलाल कुमकुम केसर के सौ थाल भर-भर लाया रे फागुन आया रे होंठ हठीले रंगे गुलाबी… Read More »हेमन्त श्रीमाल की रचनाएँ
मैं हर बार मुसलमान बना दिया जाता हूँ ये मेरा शहरजिंदगी और उसकी जुस्तजू सेलबरेज़ शहरजाने क्यों अ़ज़ीज बन गया हैइंसानियत के गुनहगारों का?जो- एक… Read More »शमशाद इलाही ‘शम्स की रचनाएँ
वो जब ये कहते हैं तुझ से ख़ता ज़रूर हुई वो जब ये कहते हैं तुझ से ख़ता ज़रूर हुई मैं बे-क़सूर भी कह दूँ… Read More »हसरत मोहानी की रचनाएँ
जुगनू चमके, मौसिम बदला, रात हुई है प्यारी जुगनू चमके, मौसिम बदला, रात हुई है प्यारी। ऐसे में मेरी भी उनसे, बात हुई है प्यारी।… Read More »हरिराज सिंह ‘नूर’ की रचनाएँ