Skip to content

हिन्दी

विपिनकुमार अग्रवाल की रचनाएँ

सृजन और अनुवाद सृजन और अनुवाद के बीच स्थिति बड़ी अजब सी होती है कुछ सिर के बाल बढ़े और कुछ दाढ़ी बढ़ी सी होती… Read More »विपिनकुमार अग्रवाल की रचनाएँ

विपिन चौधरी की रचनाएँ

उन ख़ाली दिनों के ना जीवन की धीमी रफ़्तार गिरफ़्त में नहीं आ सकी थीनामालूम सी गतिविधियाँबेबस परेशानियाँ ख़ुद हो गई थीं हलकानमन के घुड़सवारों… Read More »विपिन चौधरी की रचनाएँ

विपिन कुमार शर्मा की रचनाएँ

आदत कभी भट्ठी में पिघलता लोहा भी मनमानी पर उतर आता है बन्दूक के बदले हँसिया में ढल जाता है मगर खून पीने की आदत… Read More »विपिन कुमार शर्मा की रचनाएँ

विनोदचंद्र पांडेय ‘विनोद’की रचनाएँ

मुन्ना! सो जा सो जा, सो जा, मुन्ना सो जा। आई पास रात की रानी तुम्हें सुनाने मधुर कहानी, परियां उतर रहीं धरती पर सपनों… Read More »विनोदचंद्र पांडेय ‘विनोद’की रचनाएँ

विनोद श्रीवास्तव की रचनाएँ

नदी के तीर पर ठहरे नदी के तीर पर ठहरे नदी के बीच से गुजरे कहीं भी तो लहर की बानगी हमको नहीं मिलती हवा… Read More »विनोद श्रीवास्तव की रचनाएँ

विनोद शर्मा की रचनाएँ

छायाचित्र 1. फाटोग्राफ: जीवन की फिल्म का फ्रीज कर दिया गया दृश्य। 2. जीवन: सृष्टि की फिल्म के फ्रीज कर दिए गए दृश्यों का एलबम।… Read More »विनोद शर्मा की रचनाएँ

साक़िब लखनवी की रचनाएँ

ज़मानेवालों को पहचानने दिया न कभी ज़मानेवालों को पहचानने दिया न कभी। बदल-बदल के लिबास अपने इनक़लाब आया॥ सिवाय यास न कुछ गुम्बदे-फ़लक से मिला।… Read More »साक़िब लखनवी की रचनाएँ

साइल देहलवी की रचनाएँ

अमानत मोहतसिब के घर शराब-ए-अर्ग़वाँ रख दी अमानत मोहतसिब के घर शराब-ए-अर्ग़वाँ रख दी तो ये समझो कि बुनियाद-ए-ख़राबात-ए-मुग़ाँ रख दी कहूँ क्या पेश-ए-ज़ाहिद क्यूँ… Read More »साइल देहलवी की रचनाएँ

सांवर दइया की रचनाएँ

काल थे खुद  आ गूंग थांरी फोड़ा घालसी कदैई थांनै ई मिनख नै मार-मार मोदीजो भलांई मन में पण काल थे खुद सोध-सोध हार जावोला… Read More »सांवर दइया की रचनाएँ

‘सहर’ इश्क़ाबादी की रचनाएँ

दावर ने बंदे बंदों ने दावर बना दिया  दावर ने बंदे बंदों ने दावर बना दिया सागर ने क़तरे क़तरों ने सागर बिना दिया बे-ताबियों… Read More »‘सहर’ इश्क़ाबादी की रचनाएँ