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आधुनिक काल

श्याम सुशील की रचनाएँ

दुख ज़मीन है दुख ज़मीन है एक बीज-सा जिसमें कुनमुनाता है सुख लहर है दुख अनंत सागर की एक मछली-सा जिसमें डूबता-उतराता है जीवन अंधेरे… Read More »श्याम सुशील की रचनाएँ

कुमार अनुपम की रचनाएँ

डर  अचानक एक दिन हुआ ऐसा कि बुद्धू मास्टर का नाम लतीफ मियाँ में तब्दील हुआ उनके सिले कपड़ों से निकलकर आशंका की चोर-सूइयाँ चुभने… Read More »कुमार अनुपम की रचनाएँ

श्याम सुन्दर नंदा नूर की रचनाएँ

बड़े अदब से जो उसने सलाम भेजा है बड़े अदब से जो उसने सलाम भेजा है। ये लग रहा है महब्बत का जाम भेजा है।… Read More »श्याम सुन्दर नंदा नूर की रचनाएँ

कुमार अनिल की रचनाएँ

और कब तक चुप रहें (ग़ज़ल)  ज़ुल्म है अब हद से बाहर, और कब तक चुप रहें सामने है ख़ूनी मंज़र , और कब तक… Read More »कुमार अनिल की रचनाएँ

कुमार अंबुज की रचनाएँ

गुफ़ा  शुरू होता है यहाँ से भय और अँधेरा भय और अँधेरे को भेदने की इच्छा भी शुरू होती है यहीं से। (1987 में रचित)… Read More »कुमार अंबुज की रचनाएँ

श्याम सुन्दर अग्रवाल की रचनाएँ

आज हमारी छुट्टी है  रविवार का प्यारा दिन है, आज हमारी छुट्टी है । उठ जायेंगे क्या जल्दी है, नींद तो पूरी करने दो ।… Read More »श्याम सुन्दर अग्रवाल की रचनाएँ

कुबेरनाथ राय की रचनाएँ

कंथा-मणि (कविता) उस दिन संध्या को दृष्टि अभिसार द्वारा मैंने पहचाना तुम्हें पुनः पुनः मैंने पुकारा तुम्हें मन ही मन बार बार! अपनी ही सांत्वना… Read More »कुबेरनाथ राय की रचनाएँ

कुबेरदत्त की रचनाएँ

देह का सिंहनाद  यह मेरा अपमानित, तिरस्कृत शव… शव भी कहाँ- जली हडडियों की केस प्रापर्टी, मुर्दाघर में अधिक-अधिक मुर्दा होती… चिकित्सा विज्ञान के शीर्ष… Read More »कुबेरदत्त की रचनाएँ

कुंवर प्रतापचंद्र ‘आज़ाद’ की रचनाएँ

बांध ले बिस्तर, फ़िरंगी बांध ले बिस्तर, फ़िरंगी, राज अब जाने को है, जुल्म काफ़ी कर चुके, पब्लिक बिगड़ जाने को है। गोलियां तो खा… Read More »कुंवर प्रतापचंद्र ‘आज़ाद’ की रचनाएँ

कुंवर नारायण की रचनाएँ

माध्यम वस्तु और वस्तु के बीच भाषा है जो हमें अलग करती है, मेरे और तुम्हारे बीच एक मौन है जो किसी अखंडता में हमको… Read More »कुंवर नारायण की रचनाएँ