असर सहबाई की रचनाएँ
लुत्फ़ गुनाह में मिला और न मज़ा सवाब में लुत्फ़ गुनाह में मिला और न मज़ा सवाब में उम्र तमाम कट गई काविश-ए-एहतिसाब में तेरे… Read More »असर सहबाई की रचनाएँ
लुत्फ़ गुनाह में मिला और न मज़ा सवाब में लुत्फ़ गुनाह में मिला और न मज़ा सवाब में उम्र तमाम कट गई काविश-ए-एहतिसाब में तेरे… Read More »असर सहबाई की रचनाएँ
शेर शिकवा किया था अज़ रहे-उल्फ़त, तंज़ समझकर रूठे हो हम भी नादिम अपनी ख़ता पर, आओ, तुम भी जाने दो शेर-1 (1) अच्छा है… Read More »असर लखनवी की रचनाएँ
फटी हुई अरज़ी धीरे धीरे यह महामारी गुज़र जाएगी इसी बीच आएगी मर्दुमशुमारी वह पन्द्रहवीं बार आ रही होगी आफ़त की तरह, जो बच रहे… Read More »असद ज़ैदी की रचनाएँ
ये राज़ है मेरी ज़िंदगी का ये राज़ है मेरी ज़िंदगी का पहने हुए हूँ कफ़न खुदी का फिर नश्तर-ए-गम से छेड़ते हैं इक तर्ज़… Read More »असग़र गोण्डवी की रचनाएँ
दो-जहाँ से मावरा हो जाएगा दो-जहाँ से मावरा हो जाएगा जो तेरे ग़म में फ़ना हो जाएगा दर्द जब दिल से जुदा हो जाएगा साज़-ए-हस्ती… Read More »‘असअद’ भोपाली की रचनाएँ
मुझे भी वहशत-ए-सहरा पुकार मैं भी हूँ मुझे भी वहशत-ए-सहरा पुकार मैं भी हूँ तेरे विसाल का उम्मीद-वार मैं भी हूँ परिंद क्यूँ मेरी शाख़ों… Read More »‘असअद’ बदायुनी की रचनाएँ
कहाँ हो मुक्तिदाता नाचता रहा दिन-ब-दिन अपनों की ही उँगलियों पर उनके इशारों के अनुरूप / तृप्त करता रहा उनकी लालसाएँ हरदम मारकर अपनी इच्छाएँ… Read More »असंगघोष की रचनाएँ
कविजन खोज रहे अमराई जनता मरे, मिटे या डूबे इनने ख्याति कमाई ।। शब्दों का माठा मथ-मथकर कविता को खट्टाते । और प्रशंसा के मक्खन… Read More »अष्टभुजा शुक्ल की रचनाएँ
फूल बनकर, गंध बनकर मर न जाऊं मैं तेरी संवेदना में मीत मेरे और जीना चाहती हूँ फूल बनकर, गंध बनकर कितने कांटों में फंसा… Read More »अश्विनी कुमार आलोक की रचनाएँ
रिश्ता और रेगिस्तान रिश्ता एक खेजड़ी है जो चाहे छांग दी जाये कितनी बार पनप आती है हर बार दुगुने जोश से पनप जाता है… Read More »अश्वनी शर्मा की रचनाएँ